मकान बनाने के लिए लोग सबसे ज्यादा कॉर्नर का प्लाट का चुनाव करते हैं क्योंकि ऐसे प्लाट पर थोड़ी जगह अतिरिक्त मिलती है। वास्तु शास्त्र (Vastu Tips) के अनुसार कॉनर्र के प्लाट पर बने मकानों में वास्तु दोष होने की संभावना भी सबसे अधिक होती है।
हिंदू धर्म में तुलसी (Tulsi Puja) को पूज्यनीय माना गया है। तुलसी को विष्णु प्रिय कहा गया है यानी ये भगवान विष्णु को अति प्रिय है इसलिए भगवान विष्णु और श्रीकृष्ण की पूजा में तुलसी का उपयोग जरूर किया जाता है।
भगवान श्रीकृष्ण (Lord Krishna) के स्वरूप से कई चीजें जुड़ी हुई हैं, उन्हीं में से एक है मोरपंख। भगवान श्रीकृष्ण को मोरपंख का मुकुट ही अर्पित किया जाता है। दरअसल, मोरपंख सकारात्मकता का प्रतीक है, जिसका शरीर व स्वास्थ्य पर अच्छा प्रभाव पड़ता है।
वास्तु शास्त्र के अनुसार, तिजोरी का स्थान कुबेर देव का स्थान है। तिजोरी में धन की देवी मां लक्ष्मी का निवास स्थान माना जाता है। इसलिए तिजोरी का स्थान शुभ दिशा में होना चाहिए।
वास्तु के अनुसार यदि रंगों का प्रयोग सही प्रकार से किया जाए तो यह नकारात्मक शक्तियों को दूर करने के साथ ही ये हमारे जीवन में सुख-सौभाग्य में वृद्धि भी कर सकते हैं। परंतु यदि रंगों को चयन सावाधानी से न किया जाए तो यह जीवन में समस्याओं को बढ़ा भी सकते हैं।
फिटकरी का उपयोग अनेक कामों में किया जाता है। ये लगभग हर घर में पाई जाने वाली वस्तु है। मान्यता है कि इसे निगेटिव एनर्जी को सोखने की क्षमता होती है, इसलिए अनेक ज्योतिष और वास्तु उपायों में इसका उपयोग किया जाता है।
हिंदू पूजा पद्धति में फूल का उपयोग अवश्य किया जाता है। फूलों में गुलाब का खास महत्व है। हनुमानजी को गुलाब के फूल विशेष रूप से चढ़ाएं जाते हैं।
वास्तु शास्त्र के अनुसार दक्षिणमुखी मकान लेने से बचना चाहिए क्योंकि इस दिशा के मकान शुभ फल प्रदान नहीं करते और जीवन में परेशानियां बढ़ाते हैं।
जब भी आप कोई नया बिजनेस शुरू करते हैं तो आशा करते हैं आपका बिजनेस दिनोंदिन तरक्की करता रहे, लेकिन कई बार ऐसा नहीं होता। बिजनेस न चलने के कई कारण हो सकते हैं।
अगर घर में वास्तु से जुड़े दोष होते हैं तो परिवार को परेशानियों का सामना करना पड़ता है। किसी भी काम में आसानी से सफलता नहीं मिल पाती है।