Shanishchari Amavasya Kab Hai: इस बार अक्टूबर 2023 में शनिश्चरी अमावस्या पर एक दुर्लभ संयोग बन रहा है। ऐसा संयोग कईं सालों में एक बार बनता है। इस दुर्लभ संयोग के चलते इस अमावस्या का महत्व और भी बढ़ गया है।
Aaj Ka Panchang: 21 जनवरी, शनिवार को पहले पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र होने से मातंग और इसके बाद उत्तराषाढ़ा नक्षत्र होने से चर नाम के 2 शुभ योग इस दिन बनेंगे। इनके अलावा हर्षण और वज्र नाम के 2 अन्य योग भी इस दिन रहेंगे।
Mauni Amavasya 2023: माघ मास की अमावस्या को मौनी अमावस्या कहा जाता है। धर्म ग्रंथों में इस तिथि का विशेष महत्व बताया गया है। इस बार ये तिथि 21 जनवरी, शनिवार को है। शनिवार को होने से शनिश्चरी अमावस्या भी कहलाएगी।
Shani Amavasya 2022: इस बार 27 अगस्त, शनिवार को भाद्रपद मास की अमावस्या होने से शनिश्चरी अमावस्या का शुभ योग बन रहा है। साल में 1 या 2 बार ही ऐसा योग बनता है। इस दिन शनिदेव से संबंधित उपाय विशेष रूप से किए जाते हैं।
Shani Amavasya 2022: जिस शनिवार को अमावस्या का योग बनता है, उसे शनिश्चरी अमावस्या कहते हैं। इस बार ये योग 27 अगस्त को बन रहा है। इस दिन भाद्रपद मास की अमावस्या रहेगी। इसे कुशग्रहणी अमावस्या कहते हैं।
Shani Amavasya 2022: इस बार 27 अगस्त, शनिवार को भाद्रपद मास की अमावस्या है। इसे कुशग्रहणी अमावस्या कहते हैं। शनिवार को अमावस्या तिथि होने से ये शनिश्चरी अमावस्या कहलाएगी। इस दिन शनिदेव की पूजा का विशेष महत्व है।
Shani Amavasya 2022 Date: इस बार 27 अगस्त, शनिवार को भाद्रपद मास की अमावस्या तिथि रहेगी। इसे कुशग्रहणी अमावस्या कहते हैं। शनिवार को अमावस्या होने से ये शनिश्चरी अमावस्या कहलाएगी। धर्म ग्रंथों में शनिश्चरी अमावस्या का विशेष महत्व बताया गया है।
अप्रैल 2022 का अंतिम सप्ताह ज्योतिषिय दृष्टिकोण से बहुत ही खास रहने वाला है क्योंकि इस सप्ताह में 3 ग्रह एक के बाद एक राशि बदलेंगे। वहीं महीने के अंतिम दिन शनिश्चरी अमावस्या के साथ ही सूर्यग्रहण का योग भी बन रहा है। ऐसा संयोग बहुत कम बार बनता है जब शनिश्चरी अमावस्या पर सूर्यग्रहण हो।
ज्योतिषियों के अनुसार साल 2022 का चौथा महीना यानी अप्रैल बहुत ही खास है। इस महीने में अब तक 7 ग्रह राशि बदल चुके हैं। सिर्फ शुक्र और शनि का राशि परिवर्तन ही शेष है। ऐसा बहुत कम होता है कि एक ही महीने में सभी 9 ग्रह राशि बदलते हैं।
हिंदू पंचांग के अनुसार प्रत्येक महीने के कृष्ण पक्ष की अंतिम तिथि को अमावस्या कहते हैं। धर्म ग्रंथों में इस तिथि के स्वामी पितृ देवता बताए गए हैं। जब शनिवार को अमावस्या तिथि होती है तो इसे शनिश्चरी अमावस्या (Shanishchari Amavasya 2022) कहते हैं। शनिवार को अमावस्या होने से इसका महत्व और भी बढ़ जाता है।