जब कोई जवान शहीद होता है तो उनका अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ किया जाता है। जिस जगह में जवान शहीद होता है उसके बाद शहीद के पार्थिव शरीर उनके स्थानीय आवास पर भेजा जाता है इस दौरान साथ में सेना के जवान भी होते हैं।
चौरीचौरा विद्रोह को अब तक ‘कांड’ के रूप में याद किया जाता था, लेकिन प्रधानमंत्री शहीदों के सम्मान में आज इसकी नई व्याख्या करेंगे। अब से यह घटना जनविद्रोह कही जाएगी।