6 फरवरी, मंगलवार को षटतिला एकादशी का व्रत किया जाएगा। इस दिन ज्येष्ठा नक्षत्र होने से मुद्गर और इसके बाद मूल नक्षत्र होने से छत्र नाम योग बनेगा। राहुकाल दोपहर 03:26 से शाम 04:49 तक रहेगा।
Shattila Ekadashi 2024 Katha: माघ मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को षटतिला एकादशी कहते हैं। इस बार ये एकादशी 6 फरवरी, मंगलवार को है। इस एकादशी की कथा सुने व्रत का पूरा फल नहीं मिलता।
Shattila Ekadashi 2024 Date:माघ मास में षटतिला एकादशी का व्रत किया जाता है। इस व्रत में गवान विष्णु की पूजा का महत्व और तिल का उपयोग 6 कामों में करने का विधान है। इस बार ये व्रत फरवरी 2024 में किया जाएगा।
माघ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को षटतिला एकादशी (Shattila Ekadashi 2022) कहते हैं। इस बार ये एकादशी 28 जनवरी, शुक्रवार है। इस दिन खासतौर से भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। धर्म ग्रंथों में इस तिथि का विशेष महत्व बताया गया है।
माघ मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को षटतिला एकादशी (Shattila Ekadashi 2022) कहते हैं। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा विशेष रूप से की जाती है। इस दिन भगवान विष्णु (Lord Vishnu) को तिल से बने पकवानों का भोग लगाया जाता है।
हिंदू पंचांग के अनुसार माघ मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को षटतिला एकादशी (Shattila Ekadashi 2022) कहते हैं। इस बार ये एकादशी 28 जनवरी, शुक्रवार को है। हर एकादशी की तरह षटतिला एकादशी पर भी भगवान श्री विष्णु की पूजा की जाती है और उन्हें तिल का भोग लगाया जाता है।
धर्म ग्रंथों में माघ महीने को बहुत ही पवित्र माना गया है। इस माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी को षटतिला कहते हैं। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा का विधान है।
माघ मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को षटतिला एकादशी कहते हैं। इस तिथि को बहुत ही शुभ और श्रेष्ठ माना गया है। इस बार ये तिथि 7 फरवरी, रविवार को है।
माघ मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को षट्तिला एकादशी कहते हैं। इस बार ये एकादशी 20 जनवरी, सोमवार को है।
धर्म ग्रंथों के अनुसार, माघ मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को षट्तिला एकादशी कहते हैं। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा का विधान है। इस बार यह एकादशी 20 जनवरी, सोमवार को है।