Sankashti Chaturthi 2023: 3 सितंबर, रविवार को संकष्टी चतुर्थी व्रत किया जाएगा। ये व्रत बहुत ही खास है क्योंकि ये साल में आने वाली 4 प्रमुख चतुर्थी में से एक है। इस दिन कई शुभ योग बनेंगे, जिसके चलते इसका महत्व और भी बढ़ गया है।
Sankashti Chaturthi July 2023: इस बार सावन मास की संकष्टी चतुर्थी का व्रत 6 जून, गुरुवार को किया जाएगा। सावन मास की संकष्टी चतुर्थी होने से इसका महत्व और भी बढ़ गया है। इस दिन कई शुभ योग भी बनेंगे।
Vikat Sankashti Chaturthi 2023: इस बार 9 अप्रैल, रविवार को विकट संकष्टी चतुर्थी का व्रत किया जाएगा। ये साल में आने वाली 4 बड़ी चतुर्थी में से एक है। इस तिथि का महत्व कई धर्म ग्रंथों में बताया गया है। इसे सकट चौथ भी कहा जाता है।
Sankashti Chaturthi February 2023: इस बार संकष्टी चतुर्थी का व्रत 9 फरवरी, गुरुवार को किया जाएगा। इस दिन भगवान श्रीगणेश के द्विजप्रिय स्वरूप की पूजा का विधान है। साथ ही इस दिन देवी पार्वती की पूजा भी की जाएगी। 9 फरवरी को और भी कई शुभ योग बनेंगे।
हिंदू धर्म में हर महीने कुछ विशेष व्रत किए जाते हैं। संकष्टी चतुर्थी (Sankashti Chaturthi June 2022) भी इनमें से एक है। ये व्रत हर महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि पर किया जाता है।
प्रत्येक महीने के दोनों पक्षों की चतुर्थी तिथि को भगवान श्रीगणेश को प्रसन्न करने के लिए व्रत किया जाता है। इस बार ये व्रत 19 मई, गुरुवार को है। इस बार ज्येष्ठ मास की चतुर्थी होने से ये संकष्टी चतुर्थी (Sankashti Chaturthi 2022) व्रत कहलाएगा।
धर्म ग्रंथों के अनुसार प्रत्येक मास के दोनों पक्षों की चतुर्थी तिथि को भगवान श्रीगणेश के निमित्त व्रत किया जाता है। इस तरह एक साल में 24 चतुर्थी तिथि होती है। लेकिन इन सभी में 4 चतुर्थी को बहुत ही विशेष माना गया है। इन्हें बड़ी चतुर्थी भी कहते हैं।
हिंदू धर्म में भगवान श्रीगणेश को प्रथम पूज्य कहा गया है। यानी सभी शुभ कार्यों से पहले उनकी पूजा की जाती है। हर महीने के दोनों पक्षों की चतुर्थी तिथि को भगवान श्रीगणेश को प्रसन्न करने के लिए व्रत और पूजा की जाती है।
15 अगस्त को भाद्रमास मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि है। इस दिन बहुला चतुर्थी और संकष्टी चतुर्थी का व्रत किया जाएगा। सोमवार को उत्तरा भाद्रपद नक्षत्र होने से गद नाम का शुभ योग बनेगा। साथ ही इस दिन धृति और गजकेसरी नाम के 2 अन्य योग भी रहेंगे।
Aaj Ka Panchang: 12 नवंबर शनिवार को आर्द्रा नक्षत्र होने से वज्र नाम का अशुभ योग दिन भर रहेगा। इसके अलावा सिद्ध और साध्य नाम के 2 अन्य योग भी इस दिन रहेंगे। राहुकाल सुबह 09:26 से 10:48 तक रहेगा।