14 अक्टूबर, शनिवार को पहले हस्त नक्षत्र होने से मृत्यु और उसके बाद चित्रा नक्षत्र होने से काण नाम के 2 अशुभ योग बनेंगे। इनके अलावा इस दिन इंद्र और वैधृति नाम के 2 अन्य शुभ योग भी रहेंगे। इस दिन राहुकाल सुबह 09:19 से 10:46 तक रहेगा।
Sarva Pitru Amavasya 2023: हिंदू धर्म में श्राद्धपक्ष का विशेष महत्व है। श्राद्ध पक्ष की अंतिम तिथि आश्विन मास की अमावस्या होती है। इसे सर्व पितृ मोक्ष अमावस्या कहते हैं। इस दिन पितरों के लिए श्राद्ध, पिंडदान करने शुभ फल मिलते हैं।
Sarva Pitru Amavasya 2022: श्राद्ध पक्ष का अंतिम दिन बहुत ही खास होता है। इसे सर्व पितृ मोक्ष अमावस्या कहते हैं। अगर कोई व्यक्ति श्राद्ध पक्ष में किसी कारणवश पिंडदान न कर पाया हो तो इस दिन वो ये सभी काम कर सकता है। इससे पितृ प्रसन्न होते हैं।
Sarva Pitru Amavasya 2022: धर्म ग्रंथों के अनुसार, श्राद्ध पक्ष की हर तिथि का अपना अलग महत्व होता है। इस बार श्राद्ध पक्ष 25 सितंबर तक रहेंगे यानी इसी दिन सर्वपितृ मोक्ष अमावस्या रहेगी। ये श्राद्ध पक्ष की सबसे खास तिथि है।
Shraddha 2022 Date: भाद्रपद मास की पूर्णिमा से आश्विन मास की अमावस्या तक श्राद्ध पक्ष रहता है। हिंदू धर्म में इन 16 दिनों का विशेष महत्व माना गया है। इन 16 दिनों में लोग अपने मृत पूर्वजों को याद करते हैं और उनकी आत्मा की शांति के लिए पूजा, उपाय आदि करते हैं।
अगर कोई व्यक्ति अपने परिजनों की मृत्यु तिथि पर श्राद्ध न कर पाया हो तो वह सर्वपितृ मोक्ष अमावस्या (Sarva Pitru Moksha Amavasya 2021) के दिन भी उनके निमित्त श्राद्ध, तर्पण और पिंडदान आदि कर्म कर सकता है। ऐसा करने से पितृ और कालसर्प दोष के अशुभ प्रभावों में कमी आती है।
अधिकांश लोग सर्वपितृ मोक्ष अमावस्या (Sarva Pitru Moksha Amavasya 2021) को केवल पितरों की मुक्ति का दिवस ही मानते हैं, लेकिन वास्तव में यह अमावस्या आपके अशुभ ग्रहों को शांत करके शुभ ग्रहों का प्रभाव बढ़ाने वाली भी कही गई है।
अश्विन महीने की अमावस्या (Sarva Pitru Moksha Amavasya 2021) पर कई तरह के धार्मिक कार्य यानी श्राद्ध, तर्पण, पूजा-पाठ और दान करने की परंपरा है। ग्रंथों के मुताबिक इस तिथि पर कालसर्प और पितृ दोष निवारण के लिए पूजा की जाती है।
इस बार 6 अक्टूबर, बुधवार को पितृ पक्ष का अंतिम दिन है। इसे सर्वपितृ मोक्ष अमावस्या (Sarva Pitru Amavasya 2021) कहते हैं। इस अमावस्या पर पितरों के लिए तर्पण और श्राद्ध करने का महत्व काफी अधिक है।
इन दिनों श्राद्ध पक्ष (Shradh Paksha 2021) चल रहा है, जो 6 अक्टूबर तक रहेगा। श्राद्ध पक्ष के 16 दिनों में पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए पूजा व अनुष्ठान आदि किए जाते हैं। श्राद्ध पक्ष में प्रमुख तीर्थ स्थलों में भी लोगों की भीड़ उमड़ती है।