अंशिका यादव ने बताया कि मेरे पिता रामबहादुर यादव और मां गीता देवी केवल 10वीं तक पढ़े हैं। पिता की बाबूगंज में जूते-चप्पल की दुकान है, जबकि मां हाउस वाइफ हैं। आर्थिक तंगी के कारण मेरे पिता आगे नहीं पढ़ सके थे। उनका सपना है कि मेरी बेटी खूब पढ़े। यही कारण है कि मेरे मां-बाप ने मुझे खूब सपोर्ट दिया और आज रिजल्ट सबके सामने है।