Kab Se Shuru Hoga Ramadan 2024: इस्लाम में रमजान को बहुत ही पवित्र महीना माना जाता है। मान्यता है कि इसी महीने में पवित्र कुरान धरती पर उतरी थी। इस महीने में मुस्लिम धर्म के लोग रोजा यानी उपवास रखते हैं।
हिंदू धर्म ग्रंथों में लाइफ मैनेजमेंट के अनेक सूत्र बताए गए हैं। इन सूत्रों में कईं गहरी बातें बताई गई है, जो आज के समय में भी प्रासंगिक है। इन बातों का ध्यान रख हर तरह की परेशानी से बचा जा सकता है।
Mahakal Ujjain Pics: मध्य प्रदेश के उज्जैन में स्थित महाकालेश्वर मंदिर में महाशिवरात्रि का पर्व शिव-पार्वती विवाह उत्सव के रूप में मनाया जाता है। 9 दिनों तक चलने वाले उत्सव में रोज महाकाल का आकर्षक श्रृंगार किया जाता है।
Mahashivratri 2024: इस बार महाशिवरात्रि पर्व 8 मार्च, शुक्रवार को मनाया जा रहा है। महाशिवरात्रि पर रात्रि पूजा का विशेष महत्व धर्म ग्रंथों में बताया गया है। इसके पीछे एक खास कारण छिपा है, जिसके बारे में कम ही लोग जानते हैं।
Maha shivratri 2024: उत्तर प्रदेश में अनेक विश्व प्रसिद्ध मंदिर हैं, इन्हीं में से एक है काशी विश्वनाथ। ये मंदिर इसलिए भी खास है क्योंकि ये 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है। यहां भगवान शिव देवी पार्वती के साथ ज्योतिर्लिंग स्वरूप में निवास करते हैं।
Mahakal Ujjain Live Darshan: देश भर में भगवान के 12 प्रमुख ज्योतिर्लिंग हैं, इनमें तीसरा है महाकालेश्वर, जो मध्य प्रदेश के उज्जैन में स्थित है। इस मंदिर की कुछ परंपराएं बहुत ही खास हैं। ये एकमात्र दक्षिणमुखी ज्योतिर्लिंग भी है।
maha shivratri 2024: भगवान शिव से जुड़ी ऐसी अनेक बातें धर्म ग्रंथों में बताई गई है, जिनके बारे में कम हो लोगों को पता है। बहुत कम लोग जानते हैं कि भगवान शिव की एक पुत्री भी है। जानें क्या है उसका नाम?
Mahashivratri 2024 Kab Hai: फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को महाशिवरात्रि पर्व मनाया जाता है। इस बार ये पर्व 8 मार्च, शुक्रवार को मनाया जाएगा। इस पर्व को मनाने के पीछे कईं मान्यताएं जुड़ी हुई हैं।
Mahashivratri 2024: इस बार महाशिवरात्रि का पर्व 8 मार्च, शुक्रवार को मनाया जाएगा। इस दिन देश के सभी प्रमुख शिव मंदिरों में भक्तों का तांता लगता है। हर कोई भगवान शिव का आशीर्वाद पाना चाहता है।
Mahashivratri 2024 Kab Hai: इस बार 8 मार्च, शुक्रवार को महाशिवरात्रि पर्व मनाया जाएगा। इस पर्व में भगवान शिव के साथ देवी पार्वती की पूजा करने का विधान है। इसके लिए कईं सारी चीजों की जरूरत पड़ती है।