सरकार के बीच आज पांचवें दौर की बातचीत होगी, किसान बोले आज आर -पार की लड़ाई
वीडियो डेस्क। कृषि कानून के खिलाफ दिल्ली बॉर्डर पर जमे किसान संगठनों और सरकार के बीच आज पांचवें दौर की बातचीत होगी। इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने आवास पर मीटिंग बुलाई। इसमें राजनाथ सिंह और गृह मंत्री अमित शाह के साथ ही कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर और कैबिनेट मंत्री पीयूष गोयल भी शामिल हुए। माना जा रहा है कि सरकार कृषि कानून में कुछ बदलाव की पेशकश भी कर सकती है। उधर किसानों ने देश में सरकार और कॉरपोरेट के पुतले जलाए जाने का ऐलान किया है। किसान नेता गुरनाम सिंह ने कहा, शनिवार को अगर सरकार हमारी बात नहीं मानती तो आंदोलन और बढ़ाएंगे।
किसान संगठन अपनी मांग पर अड़े, कई तरह से विरोध
पंजाब और देश के अन्य इलाकों से आए करीब 30 से अधिक किसान संगठन दिल्ली की सीमाओं पर डेरा जमाए हुए हैं. दिल्ली-गुरुग्राम, दिल्ली-नोएडा, दिल्ली-गाजियाबाद, दिल्ली-मेरठ समेत अन्य कई सीमाओं पर किसानों के अलग-अलग संगठन बैठे हैं, खाना बना रहे हैं, विरोध प्रदर्शन जारी हैं. सिंधु बॉर्डर पर हर रोज़ किसानों की प्रेस कॉन्फ्रेंस होती है, बीते दिन की प्रेस कॉन्फ्रेंस में किसानों ने केंद्र की किसी तरह की बात में आने से इनकार किया। किसान संगठनों का कहना है कि सरकार को मौजूदा बिल वापस लेना चाहिए या फिर इसमें बदलाव करना चाहिए. MSP को बनाए रखने, मंडी खत्म ना करने की बात को किसान लिखित में कानून के अंदर चाहते हैं, ताकि भविष्य में फिर संकट की स्थिति पैदा ना हो. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा की गई अपील का भी किसानों के संगठनों पर कोई खास असर नहीं हुआ.
वीडियो डेस्क। कृषि कानून के खिलाफ दिल्ली बॉर्डर पर जमे किसान संगठनों और सरकार के बीच आज पांचवें दौर की बातचीत होगी। इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने आवास पर मीटिंग बुलाई। इसमें राजनाथ सिंह और गृह मंत्री अमित शाह के साथ ही कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर और कैबिनेट मंत्री पीयूष गोयल भी शामिल हुए। माना जा रहा है कि सरकार कृषि कानून में कुछ बदलाव की पेशकश भी कर सकती है। उधर किसानों ने देश में सरकार और कॉरपोरेट के पुतले जलाए जाने का ऐलान किया है। किसान नेता गुरनाम सिंह ने कहा, शनिवार को अगर सरकार हमारी बात नहीं मानती तो आंदोलन और बढ़ाएंगे।
किसान संगठन अपनी मांग पर अड़े, कई तरह से विरोध
पंजाब और देश के अन्य इलाकों से आए करीब 30 से अधिक किसान संगठन दिल्ली की सीमाओं पर डेरा जमाए हुए हैं. दिल्ली-गुरुग्राम, दिल्ली-नोएडा, दिल्ली-गाजियाबाद, दिल्ली-मेरठ समेत अन्य कई सीमाओं पर किसानों के अलग-अलग संगठन बैठे हैं, खाना बना रहे हैं, विरोध प्रदर्शन जारी हैं. सिंधु बॉर्डर पर हर रोज़ किसानों की प्रेस कॉन्फ्रेंस होती है, बीते दिन की प्रेस कॉन्फ्रेंस में किसानों ने केंद्र की किसी तरह की बात में आने से इनकार किया। किसान संगठनों का कहना है कि सरकार को मौजूदा बिल वापस लेना चाहिए या फिर इसमें बदलाव करना चाहिए. MSP को बनाए रखने, मंडी खत्म ना करने की बात को किसान लिखित में कानून के अंदर चाहते हैं, ताकि भविष्य में फिर संकट की स्थिति पैदा ना हो. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा की गई अपील का भी किसानों के संगठनों पर कोई खास असर नहीं हुआ.