भारतीय सेना के शौर्य पराक्रम और बहादुरी की गाथा... 2 मिनट में देखिए 73 साल के संघर्ष और बलिदान की पूरी कहानी

वीडियो डेस्क। यह 1949 का वह दिन था जब करियप्पा के नाम से मशहूर फील्ड मार्शल कोडनान मडप्पा करियप्पा ने ब्रिटिश जनरल सर फ्रांसिस बुचर से भारतीय सेना के कार्यभार की जिम्मेदारी ली थी। फील्ड मार्शल करियप्पा पांच सितारा रैंक रखने वाले भारतीय सेना के पहले अधिकारी थे। 

/ Updated: Jan 15 2021, 10:18 AM IST

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वीडियो डेस्क। यह 1949 का वह दिन था जब करियप्पा के नाम से मशहूर फील्ड मार्शल कोडनान मडप्पा करियप्पा ने ब्रिटिश जनरल सर फ्रांसिस बुचर से भारतीय सेना के कार्यभार की जिम्मेदारी ली थी। फील्ड मार्शल करियप्पा पांच सितारा रैंक रखने वाले भारतीय सेना के पहले अधिकारी थे। उन्होंने द्वितीय विश्व युद्ध और 1947 के भारत-पाक युद्ध में सेना का नेतृत्व किया था। वह अपनी बहादुरी और नेतृत्व करने की क्षमता के लिए जाने जाते थे। उन्होंने कहा था, मैं एक भारतीय हूं और आखिरी सांस तक भारतीय ही रहूंगा।