आचार्य बालकृष्ण ने शेयर किया योग गुरु का वीडियो, बोले- रामदेव बनने के लिए तपना पड़ता है

वीडियो डेस्क। कोरोना महामारी के बीच बाबा रामदेव के एलोपैथी के खिलाफ दिए बयान पर विवाद थम नहीं रहा है। इस पर  इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने कड़ी आपत्ति जताई है। भारतीय चिकित्सा संघ (आईएमए) ने  केन्द्र सरकार से मांग किया कि ‘अज्ञानता भरी’ टिप्पणी करके कथित रूप से लोगों को भ्रमित करने और एलोपैथी दवाओं को ‘मूर्खतापूर्ण विज्ञान’ बताने के लिए योग गुरु बाबा रामदेव के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए, वहीं हरिद्वार स्थित पतंजलि योगपीठ ट्रस्ट ने इस टिप्पणी से इंकार करते हुए इसे ‘गलत’ बताया।तमाम विरोध के बीच  पतंजलि योगपीठ के महामंत्री आचार्य बालकृष्ण ने एक वीडियो शेयर किया है।  बालकृष्ण ने लिखा कि स्वामी रामदेव बनने के लिए तपना पड़ता है, विपरीत परिस्थितियों से जूझना पड़ता है! देखिए वीडियो 

वायरल वीडियो में रामदेव ने क्या कहा था?
सोशल मीडिया पर वायरल हुए एक वीडियो का हवाला देते हुए आईएमए ने कहा कि रामदेव ने दावा किया है कि एलोपैथी ‘मूर्खतापूर्ण विज्ञान’ है और भारत के औषधि महानियंत्रक द्वारा कोविड-19 के इलाज के लिए मंजूर की गई रेमडेसिविर, फेवीफ्लू तथा ऐसी अन्य दवाएं बीमारी का इलाज करने में असफल रही हैं। 

/ Updated: Jun 01 2021, 10:01 AM IST

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वीडियो डेस्क। कोरोना महामारी के बीच बाबा रामदेव के एलोपैथी के खिलाफ दिए बयान पर विवाद थम नहीं रहा है। इस पर  इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने कड़ी आपत्ति जताई है। भारतीय चिकित्सा संघ (आईएमए) ने  केन्द्र सरकार से मांग किया कि ‘अज्ञानता भरी’ टिप्पणी करके कथित रूप से लोगों को भ्रमित करने और एलोपैथी दवाओं को ‘मूर्खतापूर्ण विज्ञान’ बताने के लिए योग गुरु बाबा रामदेव के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए, वहीं हरिद्वार स्थित पतंजलि योगपीठ ट्रस्ट ने इस टिप्पणी से इंकार करते हुए इसे ‘गलत’ बताया।तमाम विरोध के बीच  पतंजलि योगपीठ के महामंत्री आचार्य बालकृष्ण ने एक वीडियो शेयर किया है।  बालकृष्ण ने लिखा कि स्वामी रामदेव बनने के लिए तपना पड़ता है, विपरीत परिस्थितियों से जूझना पड़ता है! देखिए वीडियो 

वायरल वीडियो में रामदेव ने क्या कहा था?
सोशल मीडिया पर वायरल हुए एक वीडियो का हवाला देते हुए आईएमए ने कहा कि रामदेव ने दावा किया है कि एलोपैथी ‘मूर्खतापूर्ण विज्ञान’ है और भारत के औषधि महानियंत्रक द्वारा कोविड-19 के इलाज के लिए मंजूर की गई रेमडेसिविर, फेवीफ्लू तथा ऐसी अन्य दवाएं बीमारी का इलाज करने में असफल रही हैं।