सिर्फ मुझे ही नहीं, यहां के हर मुसलमान को हिंदुस्तानी होने पर गर्व...गुलाम नबी आजाद का जोरदार विदाई भाषण

वीडियो डेस्क।  कांग्रेस सांसद और नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद (Ghulam Nabi Azad) ने मंगलवार को राज्य सभा में अपने कार्यकाल के पूरा होने पर स्पीच दी।  गुलाम नबी आजाद के बोलने की बारी आई तो उन्होंने कहा कि मैं खुशकिस्मत हूं कि पाकिस्तान नहीं गया और मुझे अपने हिंदुस्तानी मुसलमान होने पर फक्र है  उन्होंने यह भी कहा कि जैसी बुराईयां समाज में हैं, वह बुराईयां हिंदुस्तानी मुसलमान में नहीं हैं। इस दौरान जम्मू-कश्मीर में आतंकी हमले का जिक्र करते हुए वह भी भावुक हो गए
 

/ Updated: Feb 09 2021, 02:40 PM IST

Share this Video
  • FB
  • TW
  • Linkdin
  • Email

वीडियो डेस्क।  कांग्रेस सांसद और नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद (Ghulam Nabi Azad) ने मंगलवार को राज्य सभा में अपने कार्यकाल के पूरा होने पर स्पीच दी।  गुलाम नबी आजाद के बोलने की बारी आई तो उन्होंने कहा कि मैं खुशकिस्मत हूं कि पाकिस्तान नहीं गया और मुझे अपने हिंदुस्तानी मुसलमान होने पर फक्र है  उन्होंने यह भी कहा कि जैसी बुराईयां समाज में हैं, वह बुराईयां हिंदुस्तानी मुसलमान में नहीं हैं। इस दौरान जम्मू-कश्मीर में आतंकी हमले का जिक्र करते हुए वह भी भावुक हो गए

 पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को याद किया
गुलाम नबी आजाद ने अपने संबोधन में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को याद किया. उन्होंने कहा, 'मुझे अवसर मिला मंत्री के रूप में इंदिरा जी और राजीव जी के साथ काम करने का मौका मिला. सोनिया जी और राहुल जी के समय पार्टी को रिप्रेजेंट करने का भी मौका मिला. हमारी माइनॉरिटी की सरकार थी और अटल जी विपक्ष के नेता थे, उनके कार्यकाल में हाउस चलना सबसे आसान रहा। कई मसलों का समाधान करना कैसे आसान होता है, ये अटल जी से सीखा था।  


विदाई भाषण में गुलाम नबी आजाद हुए भावुक 
अपने विदाई भाषण में गुलाम नबी आजाद भी तब भावुक हो गए। जब उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी और 2005 की उस घटना का उल्लेख किया, जिसका प्रधानमंत्री ने उल्लेख किया था। उन्होंने कहा, मैं अपने जीवन में रोया, जब संजय गांधी, इंदिरा गांधी और राजीव गांधी की मृत्यु हो गई, क्योंकि यह सब अचानक हुआ। फिर मैं ओडिशा में चक्रवात के दौरान रोया, जब मुझे वहां जाने के लिए कहा गया और तब मेरे पिता कैंसर से पीड़ित थे। पांचवीं बार मैं 2005 में रोया था जब दर्जनों गुजरात यत्रियों की एक आतंकी हमले में मृत्यु हो गई थी। गुलाम नबी आजाद ने कहा, मैं ईश्वर से प्रार्थना करता हूं कि देश से उग्रवाद खत्म हो।