खुशखबरी: ना दवा ना 'दारू' सिर्फ दो बूंद गंगाजल से होगा कोरोना का इलाज, ह्यूम ट्राइल शुरू!

वीडियो डेस्क। कोरोना वायरस(Corona virus) के फैलते संक्रमण के बीच एक अच्‍छी खबर आई है। काशी हिन्‍दू विश्‍वविद्यालय(BHU) के इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल सायेंस(IMS) में हुए रिसर्च से पता चला है कि गंगाजल में खासी तादात में मौजूद बैक्‍टीरियोफेज कोरोना को परास्‍त करने की क्षमता रखते हैं। गंगाजल से कोरोना के इलाज के ह्यूमन ट्रायल की तैयारी के बीच इस रिसर्च को इंटरनेशनल जर्नल ऑफ माइक्रोबायोलॉजी के आगामी अंक में जगह मिलने का स्‍वीकृति पत्र मिला है।

/ Updated: Sep 15 2020, 06:55 PM IST

Share this Video
  • FB
  • TW
  • Linkdin
  • Email

वीडियो डेस्क। कोरोना वायरस(Corona virus) के फैलते संक्रमण के बीच एक अच्‍छी खबर आई है। काशी हिन्‍दू विश्‍वविद्यालय(BHU) के इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल सायेंस(IMS) में हुए रिसर्च से पता चला है कि गंगाजल में खासी तादात में मौजूद बैक्‍टीरियोफेज कोरोना को परास्‍त करने की क्षमता रखते हैं। गंगाजल से कोरोना के इलाज के ह्यूमन ट्रायल की तैयारी के बीच इस रिसर्च को इंटरनेशनल जर्नल ऑफ माइक्रोबायोलॉजी के आगामी अंक में जगह मिलने का स्‍वीकृति पत्र मिला है।
न्‍यूरोलॉजी विभाग के एचओडी डॉ. रामेश्‍वर चौरसिया व प्रख्‍यात न्‍यूरोलॉजिस्‍ट प्रो. वी.एन.मिश्रा की अगुवाई वाली टीम ने प्रारंभिक सर्वे में पाया है कि नियमित गंगा स्‍नान और गंगाजल का सेवन करने वालों पर कोरोना संक्रमण का असर नहीं है। इतना ही नहीं टीम का दावा है कि गंगा किनारे रहने वाले, लेकिन स्‍नान करने वाले 90% लोग भी कोरोना संक्रमण से बचे हुए हैं। और यहां के शहरों में जल्दी ठीक होने वालों की संख्या ज्यादा है। 
चेयरमैनशिप वाली 12 सदस्‍यीय एथिकल कमिटी की मंजूरी के बाद कोरोना मरीजों पर फेज थेरेपी का ट्रायल शुरू होगा। आपको बता दें क गंगोत्री से करीब 35 किलोमीटर नीचे गंगनानी में मिलने वाले गंगाजल का ह्यूमन ट्रायल में प्रयोग किया जाएगा। इसके बाद परिणाम का अध्‍ययन कर रिपोर्ट इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) को भेजी जाएगी।