वो दादी जिसने कोरोना रिसर्च के लिए दान कर दिया अपना शरीर, बनीं भारत की पहली महिला

वीडियो डेस्क। कोरोना को काबू करने के लिए तमाम तरह की रिसर्च की जा रहीं हैं लेकिन इसके इलाज के लिए किसी भी निष्कर्ष पर नहीं पहुंचा जा सका है। ऐसे में 93 साल की एक बुजुर्ग महिला ज्योत्सना बोस ने अपना शरीर कोरोना रिसर्च के लिए दान दिया है।  ऐसा करने वाली वो भारत की पहली महिला बनी हैं।  

/ Updated: May 22 2021, 03:00 PM IST

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वीडियो डेस्क। कोरोना को काबू करने के लिए तमाम तरह की रिसर्च की जा रहीं हैं लेकिन इसके इलाज के लिए किसी भी निष्कर्ष पर नहीं पहुंचा जा सका है। ऐसे में 93 साल की एक बुजुर्ग महिला ज्योत्सना बोस ने अपना शरीर कोरोना रिसर्च के लिए दान दिया है।  ऐसा करने वाली वो भारत की पहली महिला बनी हैं।  कोलकाता की रहने वाली ज्योत्सना बोस का जन्म 1927 के चिटगांव में हुआ था ये गांव अब बांग्लादेश में है। ज्योत्सना बोस कोरोना से संक्रमित हुई और 14 मई को उन्हें उत्तरी कोलकाता के बेलियाघाटा में एक अस्पताल में भर्ती कराया गया वहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। लेकिन दुनिया से जाने से पहले ज्योत्सना अपना शरीर कोरोना की रिसर्च के लिए दान कर गईं। हालांकि कोविड रिसर्च के लिए अपना शरीर दान करने वाली ज्योत्सना बोस पश्चिम बंगाल में दूसरी व्यक्ति हैं। इससे पहले ब्रोजो रॉय ने अपना शरीर रिचर्स के लिए दान किया था। वहीं कोरोना से पीड़ित डॉ विश्वजीत चक्रवर्ती का शव भी रिसर्च के लिये दान किया गया है।