जानें क्या होता है पॉलीग्राफ टेस्ट? सुशांत केस में जिससे सुलझ जाएगी सच और झूठ की गुत्थी

वीडियो डेस्क। सुशांत सिंह राजपूत केस में मौत की गुत्थी सुलझाने के लिए सीबीआई रिया चक्रवर्ती, शोविक चक्रवर्ती, सिद्धार्थ पिठानी, नीरज और सैमुअल मिरांडा का पॉलीग्राफ टेस्ट करा सकता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि पॉलिग्राफी टेस्ट क्या होता है। कैसे सच और झूठ का पता लगाय जाता है। आइये आपको बताते हैं कि पॉलीग्राफ टेस्ट की प्रक्रिया कैसे शुरू होती है। सबसे पहले जिसका पॉलिग्राफ टेस्ट होना है उसका अप्रूवल लिया जाता है। इसके साथ टेस्ट के एक्सेस वकील को दिया जाता है और इसके लिए जूडिशल मजिस्ट्रेट से परमिशन लेनी पड़ती है। 

/ Updated: Aug 29 2020, 05:33 PM IST

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वीडियो डेस्क। सुशांत सिंह राजपूत केस में मौत की गुत्थी सुलझाने के लिए सीबीआई रिया चक्रवर्ती, शोविक चक्रवर्ती, सिद्धार्थ पिठानी, नीरज और सैमुअल मिरांडा का पॉलीग्राफ टेस्ट करा सकता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि पॉलिग्राफी टेस्ट क्या होता है। कैसे सच और झूठ का पता लगाय जाता है। आइये आपको बताते हैं कि पॉलीग्राफ टेस्ट की प्रक्रिया कैसे शुरू होती है। सबसे पहले जिसका पॉलिग्राफ टेस्ट होना है उसका अप्रूवल लिया जाता है। इसके साथ टेस्ट के एक्सेस वकील को दिया जाता है और इसके लिए जूडिशल मजिस्ट्रेट से परमिशन लेनी पड़ती है। इस टेस्ट का मकसद ये जानना होता कि व्यक्ति सच बोल रहा है या झूठ। झूठ का पता लगाने के लिए मशीन को व्यक्ति के शरीर से जोड़ा जाता है। उसकी हार्ट रेट, ब्लर्ड प्रेसर और दिमाग सिग्नल को देखा जाता है। फिर उससे सवाल पूछा जाता है। यदि वह झूठ बोलता है तो उसके दिमाग से एक सिग्नल P300 (P3)निकलता है। उसका हर्ट रेट और ब्लर्ड प्रेसर बढ़ जाता है। जिसको ‌‌‌कम्प्यूटर के अंदर एक सिग्नल के रूप में पढ़ा जाता है। सीबीआई सुशांत केस में आरोपियों का पॉलीग्राफ टेस्ट करा सकती हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि अगर रिया चक्रवर्ती इस टेस्ट के लिए ना कहती है तो ये बात सीबीआई अपनी फाइनल रिपोर्ट में लिखेगी। वहीं टेस्ट के बाद जो बातें सामने आएंगी उनको सबूत के तौर पर तो नहीं रखा जा सकता लेकिन CBI इन्हें फाइनल रिपोर्ट में ऐड कर सकेगी।