शहीद दिवस: भगत सिंह को फांसी पर चढ़ाने से पहले क्या क्या हुआ, 10 प्वॉइंट में समझिए
वीडियो डेस्क। 23 मार्च 1931 को देश की तीन क्रांतिकारी वीरों भगत सिंह राजगुर और सुखदेव को फांसी पर लटका दिया गया था। 23 मार्च को हर साल शहीद दिवस के रूप में मनाया जाता है। 10 पॉइंट में जानिए फांसी वाले दिन क्या हुआ था।
वीडियो डेस्क। 23 मार्च 1931 को देश की तीन क्रांतिकारी वीरों भगत सिंह राजगुर और सुखदेव को फांसी पर लटका दिया गया था। 23 मार्च को हर साल शहीद दिवस के रूप में मनाया जाता है। 10 पॉइंट में जानिए फांसी वाले दिन क्या हुआ था। 23 मार्च 1931 का वो दिन जब लाहौर सेंट्रल जेल में सुबह 4 बजे फुसफुसाहट सुनाई दी और वार्डेन चरत सिंह ने सभी कैदियों को अपनी अपनी कोठरियों में जाने के लिए कह दिया। जिसका कारण बताया कि ऊपर से आदेश है। सुबह 4 बजे सन्नाटा तो लेकिन कैदियों में मन में जबरदस्त शोर मच गया था। एक दूसरे को कैदी सवालों के भाव से देख रहे थे तभी जेल का नाई की फुसफुसाहट सभी के कानों में गई। नाई ने कहा कि आज रात भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव को फांसी दी जानी है।