कोरोना काल में लोगों की लापरवाही से नाराज हैं पीएम मोदी, देश के नाम संबोधन में कही ये बात

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का राष्ट्र के नाम संबोधन दिया।  उन्होंने कहा कि दुनिया से तुलना करें तो भारत कोरोना के मामले में संभली हुई स्थिति में है, लेकिन अनलॉक में लापरवाही बढ़ती जा रही है। लोगों को लॉकडाउन की तरह ही सतर्कता दिखाने की जरूरत है। 

/ Updated: Jun 30 2020, 05:09 PM IST

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वीडियो डेस्क। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का राष्ट्र के नाम संबोधन दिया।  उन्होंने कहा कि दुनिया से तुलना करें तो भारत कोरोना के मामले में संभली हुई स्थिति में है, लेकिन अनलॉक में लापरवाही बढ़ती जा रही है। लोगों को लॉकडाउन की तरह ही सतर्कता दिखाने की जरूरत है। जो नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं हमें उन्हें टोकना होगा, रोकना होगा और समझाना भी होगा। यह प्रधानमंत्री का छठवां राष्ट्र के नाम संबोधन होगा, जो वह कोरोना के दौर में देंगे। प्रधानमंत्री मोदी के कोरोना के दौर में अब तक के संबोधन प्रधानमंत्री ने कहा कि भले ही हम दो गज दूरी को लेकर, बीस सेकंड हाथ धोने को लेकर सतर्क रहे हैं। आज जब हमें ज्यादा सतर्कता की जरूरत है तो लापरवाही बढ़ना बहुत ही चिंता का कारण है। लाॅकडाउन के दौरान गंभीरता से नियमों का पालन किया गया था। अब सरकारों को स्थानीय निकाय की संस्थाओं को, देश के नागरिकों को फिर से उसी तरह की सतर्कता दिखाने की जरूरत है। विशेषकर कंटेनमेंट जोन पर बहुत ध्यान देना होगा। जो नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं, उन्हें रोकना-टोकना और समझाना होगा।

प्रधान हो या प्रधानमंत्री कोई भी नियमों से ऊपर नहीं
प्रधानमंत्री ने कहा कि अभी आपने खबरों में देखा होगा कि एक देश के प्रधानमंत्री पर 13 हजार का जुर्माना इसलिए लग गया, क्योंकि वे मास्क पहने बिना गए थे। भारत में भी स्थानीय प्रशासन को इसी चुस्ती से काम करना चाहिए। यह 130 भारतीयों की रक्षा का अभियान है। गांव का प्रधान हो या देश का प्रधानमंत्री, कोई भी नियमों से ऊपर नहीं है।  

आपको बता दें पीएम का पहला संबोधन- 19 मार्च: जनता कर्फ्यू का ऐलान
दूसरा संबोधन- 24 मार्च: 21 दिन का लॉकडाउन
तीसरा संबोधन- 3 अप्रैल: दीप जलाने की अपील
चौथा संबोधन- 14 अप्रैल: लॉकडाउन-2 की घोषणा
पांचवां संबोधन- 12 मई: आर्थिक पैकेज का ऐलान