फांसी के बाद डेडबॉडी लेने से भी इनकार, शबनम की चाची ने सुनाई उस रात की खौफनाक कहानी
वीडियो डेस्क। आजाद भारत के इतिहास में पहली बार किसी महिला को फांसी देने की तैयारी की जा रही है। मथुरा जेल में 150 साल पहले बने फांसीघर में यह 'सनकी प्रेमिका' को मरने तक फांसी पर लटकाया जाएगा। इसके प्रेमी को भी फांसी पर चढ़ाया जाएगा। दोनों का जुर्म बेहद खतरनाक है। दोनों ने अपने प्रेम की सनक में 7 लोगों की सोते समय कुल्हाड़ी से काटकर हत्या कर दी थी।
वीडियो डेस्क। आजाद भारत के इतिहास में पहली बार किसी महिला को फांसी देने की तैयारी की जा रही है। मथुरा जेल में 150 साल पहले बने फांसीघर में यह 'सनकी प्रेमिका' को मरने तक फांसी पर लटकाया जाएगा। इसके प्रेमी को भी फांसी पर चढ़ाया जाएगा। दोनों का जुर्म बेहद खतरनाक है। दोनों ने अपने प्रेम की सनक में 7 लोगों की सोते समय कुल्हाड़ी से काटकर हत्या कर दी थी। ये सभी प्रेमिका के परिजन थे। घटना अमरोहा (Amroha) जिले के हसनपुर क्षेत्र के गांव के बावनखेड़ी में 14 अप्रैल, 2008 को हुई थी। इस घटना से सारा देश हिल उठा था। शबनम और उसके प्रेमी सलीम को 2 साल और तीन महीने चली सुनवाई के बाद 15 जुलाई, 2010 को कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई थी। हत्यारे कपल ने राष्ट्रपति के पास दया याचिका भेजी थी, जिसे खारिज कर दिया गया। याचिका खारिज होने के बाद शबनम के चाचा चाची ने खुशी जताई है। फांसी के बाद शबनम का शव भी नहीं लेना चाहते चाचा चाची। वहीं शबनम का बेटा मां की फांसी से दुखी है।