क्या होता है ग्लेशियरऔर क्यूं ये टूटते हैं ? वीडियो में देखिए उत्तराखंड में कहर बरपा रही है घटना
वीडियो डेस्क। उत्तराखंड के चमोली जिले में ग्लेशियर टूटने से भारी तबाही हुई है। रेणी गांव के पास ग्लेशियर टूटने से भारी जानमाल के नुकसान की आशंका जताई जा रही है। बचाव अभियान के लिए मौके पर ITBP और SDRF की टीमें पहुंच गईं हैं। हरिद्वार, ऋषिकेश समेत पड़ोसी राज्यों में भी अलर्ट जारी किया गया है। आपको बताते हैं क्या होता ग्लेशियर और क्यू ये टूटते हैं। ग्लेशियर ( Glacier)या या हिमनद एक विशाल आकार के बर्फीले पहाड़ों कहते हैं। ये पर्वतों से नीचे की ओर गतिशील होते हैं। जैसे-जैसे ग्लेशियर के ऊपरी हिस्से पर बर्फ का भार बढ़ता जाता है, उसकी निचले हिस्से पर दबाव पड़ने लगता है। ग्लेशियर पिघलने की एक बड़ी वजह ग्लोबल वार्मिंग और वनों का कटना माना जाता है। इससे गुरुत्वाकर्षण बढ़ता है और ग्लेशियर पिघलने लगते हैं। जब भी किसी ग्लेशियर का कोई हिस्सा टूटकर उससे अलग होता है, तो इसे तकनीकी रूप से काल्विंग (Glacier Calving) कहते हैं।
क्या है ग्लेशियर और क्यूं टूटते हैं ?
ग्लेशियर एक विशाल आकार के बर्फीले पहाड़ों कहते हैं। ये पर्वतों से नीचे की ओर गतिशील होते हैं। जैसे-जैसे ग्लेशियर के ऊपरी हिस्से पर बर्फ का भार बढ़ता जाता है, उसकी निचले हिस्से पर दबाव पड़ने लगता है। ग्लेशियर पिघलने की एक बड़ी वजह ग्लोबल वार्मिंग, वनों का कटना माना जाता है। इससे गुरुत्वाकर्षण बढ़ता है और ग्लेशियर पिघलने लगते हैं। जब भी किसी ग्लेशियर का कोई हिस्सा टूटकर उससे अलग होता है, तो इसे तकनीकी रूप से काल्विंग (Glacier Calving) कहते हैं।
वीडियो डेस्क। उत्तराखंड के चमोली जिले में ग्लेशियर टूटने से भारी तबाही हुई है। रेणी गांव के पास ग्लेशियर टूटने से भारी जानमाल के नुकसान की आशंका जताई जा रही है। बचाव अभियान के लिए मौके पर ITBP और SDRF की टीमें पहुंच गईं हैं। हरिद्वार, ऋषिकेश समेत पड़ोसी राज्यों में भी अलर्ट जारी किया गया है। आपको बताते हैं क्या होता ग्लेशियर और क्यू ये टूटते हैं। ग्लेशियर ( Glacier)या या हिमनद एक विशाल आकार के बर्फीले पहाड़ों कहते हैं। ये पर्वतों से नीचे की ओर गतिशील होते हैं। जैसे-जैसे ग्लेशियर के ऊपरी हिस्से पर बर्फ का भार बढ़ता जाता है, उसकी निचले हिस्से पर दबाव पड़ने लगता है। ग्लेशियर पिघलने की एक बड़ी वजह ग्लोबल वार्मिंग और वनों का कटना माना जाता है। इससे गुरुत्वाकर्षण बढ़ता है और ग्लेशियर पिघलने लगते हैं। जब भी किसी ग्लेशियर का कोई हिस्सा टूटकर उससे अलग होता है, तो इसे तकनीकी रूप से काल्विंग (Glacier Calving) कहते हैं।
क्या है ग्लेशियर और क्यूं टूटते हैं ?
ग्लेशियर एक विशाल आकार के बर्फीले पहाड़ों कहते हैं। ये पर्वतों से नीचे की ओर गतिशील होते हैं। जैसे-जैसे ग्लेशियर के ऊपरी हिस्से पर बर्फ का भार बढ़ता जाता है, उसकी निचले हिस्से पर दबाव पड़ने लगता है। ग्लेशियर पिघलने की एक बड़ी वजह ग्लोबल वार्मिंग, वनों का कटना माना जाता है। इससे गुरुत्वाकर्षण बढ़ता है और ग्लेशियर पिघलने लगते हैं। जब भी किसी ग्लेशियर का कोई हिस्सा टूटकर उससे अलग होता है, तो इसे तकनीकी रूप से काल्विंग (Glacier Calving) कहते हैं।
ग्लेशियर फटने से क्या प्रभाव हो सकता है?
ग्लेशियर के टूटने से भयंकर बाढ़ आ सकते हैं. ग्लेशियर के बर्फ टूटकर झीलों में फिर उसका अत्यधिक पानी नदियों में सैलाब लाता है। इससे आसपास के इलाकों में भंयकर तबाही, बाढ़ और जानमाल का नुकसान होता है। मौजूदा घटना से उत्तराखंड के देवप्रयाग, कर्णप्रयाग, श्रीनगर, ऋषिकेश को सबसे ज्यादा खतरा पहुंचने की आशंका है।