Today's History 10 Things: श्रीराम के 10 मंत्र को अपना जिंदगी को बना सकते हैं 'बुलेट ट्रेन'

इस बार 21 अप्रैल, बु‌धवार को श्रीराम नवमी का पर्व है। इस दिन मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम का जन्म हुआ था। भगवान श्रीराम ने जीवन भर मर्यादाओं का पालन किया। उन्होंने पुत्र, पिता, पति, भाई, मित्र आदि सभी रिश्तों का पालन पूर्ण रूप से किया। हमें भी उनके जीवन से बहुत सी बातें सिखनी चाहिए। आगे जानिए श्रीराम के जीवन के 10 लाइफ मैनेजमेंट सूत्र। 
श्रीराम ने अपने पिता की आज्ञा से राज-पाठ का एक पल में त्याग कर दिया, वो भी उस समय जब उनका राजतिलक होने वाला था। राजा दशरथ ने दुखी होकर उन्हें ये भी बोल दिया था कि तुम मुझे बंदी बना लो और बलपूर्वक राजा बन जाओ, लेकिन श्रीराम ने अपने पिता का वचन निभाने के लिए सहर्ष ही 14 वर्ष का वनवास स्वीकार कर लिया। 
श्रीराम ने जीवन भर एक पत्नी व्रत का पालन किया। देवी सीता के जाने के बाद जब भी श्रीराम ने कोई अनुष्ठान किया, पत्नी के रूप में सोने से निर्मित देवी सीता की प्रतिमा को अपने पास स्थान दिया। श्रीराम ने देवी सीता के अतिरिक्त किसी अन्य महिला को अपने जीवन में स्थान नहीं दिया।

/ Updated: Apr 21 2021, 06:20 AM IST

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इस बार 21 अप्रैल, बु‌धवार को श्रीराम नवमी का पर्व है। इस दिन मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम का जन्म हुआ था। भगवान श्रीराम ने जीवन भर मर्यादाओं का पालन किया। उन्होंने पुत्र, पिता, पति, भाई, मित्र आदि सभी रिश्तों का पालन पूर्ण रूप से किया। हमें भी उनके जीवन से बहुत सी बातें सिखनी चाहिए। आगे जानिए श्रीराम के जीवन के 10 लाइफ मैनेजमेंट सूत्र। 
श्रीराम ने अपने पिता की आज्ञा से राज-पाठ का एक पल में त्याग कर दिया, वो भी उस समय जब उनका राजतिलक होने वाला था। राजा दशरथ ने दुखी होकर उन्हें ये भी बोल दिया था कि तुम मुझे बंदी बना लो और बलपूर्वक राजा बन जाओ, लेकिन श्रीराम ने अपने पिता का वचन निभाने के लिए सहर्ष ही 14 वर्ष का वनवास स्वीकार कर लिया। 
श्रीराम ने जीवन भर एक पत्नी व्रत का पालन किया। देवी सीता के जाने के बाद जब भी श्रीराम ने कोई अनुष्ठान किया, पत्नी के रूप में सोने से निर्मित देवी सीता की प्रतिमा को अपने पास स्थान दिया। श्रीराम ने देवी सीता के अतिरिक्त किसी अन्य महिला को अपने जीवन में स्थान नहीं दिया।