काशी में हुआ कथक सम्राट बिरजू महाराज का अस्थि कलश विसर्जन

बिरजू महाराज की शिष्या संगीता सिन्हा ने बताया कि हम सब पहले चाहते थे कि महाराज जी का अस्थि कलश कबीरचौरा मोहल्ले में रखा जाए, लेकिन उधर सड़क खोदाई होने के कारण दिक्कतों को देखते हुए अस्थि कलश का अंतिम दर्शन नटराज संगीत अकादमी में कराने का निश्चय किया गया है।

/ Updated: Jan 22 2022, 01:46 PM IST

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वाराणसी: उत्तर भारत का शास्त्रीय नृत्य कथक के शिखर पुरुष पद्मविभूषण पं. बिरजू महाराज की अस्थियां काशी में आज शनिवार को गंगा में विसर्जित की गईं। तय कार्यक्रम के अनुसार 21 जनवरी को मध्य रात्रि में उनके परिजन बिरजू महाराज की अस्थियां लेकर बनारस आ गए थे। अस्थि कलश अंतिम दर्शन के लिए सिगरा के कस्तूरबा नगर कालोनी स्थित नटराज संगीत अकादमी परिसर में रखा गया था। इसे कलाकारों और प्रशंसकों द्वारा पुष्पांजलि के बाद अस्थि कलश खुले वाहन पर रखकर अस्सी घाट ले जाया गया। अस्थि कलश यात्रा सुबह आरंभ की जाएगी। अस्सी घाट पर वैदिक रीति से अस्थि कलश का पूजन किया गया और फिर पं. बिरजू महाराज के परिवारीजनों द्वारा गंगा की मध्य धारा में विसर्जन किया गया। अस्थि विसर्जन कार्यक्रम का संयोजन कर रहीं पं. बिरजू महाराज की शिष्या संगीता सिन्हा ने बताया कि हम सब पहले चाहते थे कि महाराज जी का अस्थि कलश कबीरचौरा मोहल्ले में रखा जाए, लेकिन उधर सड़क खोदाई होने के कारण दिक्कतों को देखते हुए अस्थि कलश का अंतिम दर्शन नटराज संगीत अकादमी में कराने का निश्चय किया गया है।