कुशीनगर हादसा: मातम में बदली खुशियां, शहनाई का था इंतजार लेकिन उठी 13 अर्थियां
नौरंगिया टोला गांव में परमेश्वर कुशवाहा के घर नाच गाने के बीच जहां शहनाई बजने की तैयारी थी वहां आज 13 अर्थियां उठी। एक साथ एक दर्जन से अधिक शव और दर्जनों घायलों को देखने के बाद उनके जहन में एक डर सा बैठा हुआ है।
कुशीनगर: नौरंगिया टोला गांव में परमेश्वर कुशवाहा के घर नाच गाने के बीच जहां शहनाई बजने की तैयारी थी वहां आज 13 अर्थियां उठी। नेबुआ नौरंगिया थाना क्षेत्र के नौरंगिया टोला गांव में पल भर में किस तरह से कई लोग हादसे का शिकार हो गए इस बारे में वहां के प्रत्यक्षदर्शी भी अभी कुछ साफ नहीं कह पा रहे हैं। एक साथ एक दर्जन से अधिक शव और दर्जनों घायलों को देखने के बाद उनके जहन में एक डर सा बैठा हुआ है। सच मानिए तो गांव के लोगों को अभी भी विश्वास नहीं हो रहा है कि मटकोर के दौरान अचानक क्या हो गया जो जश्न का माहौल मातम में बदल गया।
गांव के कुछ लोगों ने बातचीत में बताया कि मटकोर के बीच जहां महिलाएं रस्म अदायगी में व्यस्त थीं तो पुरुष खाने के इंतजाम में लगे हुए थे। इसी दौरान कुएं के पास डांस और गाना हो रहा था। लोगों को कुछ घरवालों ने मना भी किया लेकिन वह नहीं माने और कुएं की स्लैब पर ही इकट्ठा हो गए। पलभर में सब कुछ बदल गया और पलक झपकते ही कई लोग कुएं में समा गए। आनन-फानन में पुलिस और एंबुलेंस को फोन किया जाने लगा। घरवाले सारा काम छोड़कर कुएं की ओर भागे। जब तक कोई मदद पहुंचती उससे पहले युवाओं ने जोखिम उठाया और कुएं में उतरकर लोगों की जान बचाने का प्रयास शुरु किया। संसाधनों के आभाव में गाड़ियों की हेडलाइट जलाकर बचाव अभियान को शुरु किया गया और कुछ महिलाओं और बच्चियों को कुएं से बाहर निकाला गया।