हिंदू बने वसीम रिजवी, स्वामी चक्रपाणि बोले- सुरक्षा मुहैया कराए योगी-मोदी सरकार
शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व चेयरमैन वसीम रिजवी (Wasim Rizvi) ने इस्लाम धर्म छोड़कर हिंदू धर्म लिया। डासना मंदिर में महंत यति नरसिंहानंद सरस्वती ने उन्हें हिंदू धर्म ग्रहण कराया। इस दौरान महंत नरसिंहानंद ने कई तरह के अनुष्ठान भी किए। अध्यक्ष स्वामी चक्रपाणि महाराज ने कहा कि पूर्व मुस्लिम धर्मगुरु वसीम रिजवी साहब का हिंदू सनातन धर्म स्वीकार करना स्वागत योग्य है।
अखिल भारत हिंदू महासभा (All India Hindu Mahasabha) के राष्ट्रीय अध्यक्ष स्वामी चक्रपाणि महाराज (National President Swami Chakrapani Maharaj) ने कहा कि पूर्व मुस्लिम धर्मगुरु वसीम रिजवी (wasim rizvi) साहब का हिंदू सनातन धर्म स्वीकार करना स्वागत योग्य है। उन्होंने कहा, 'अखिल भारत हिंदू महासभा, संत महासभा उनका स्वागत करती है। वसीम रिजवी साहब अब हमारे हिंदू सनातन धर्म के अंग हैं। कोई भी कट्टरपंथी उनके खिलाफ फतवा जारी करने के लिए दुसाहस ना करे।' स्वामी चक्रपाणि ने मांग की है कि केंद्र, प्रदेश सरकार उन्हें उचित सुरक्षा मुहैया कराए।
हिंदुत्व के लिए काम करेंगे रिजवी
धर्म परिवर्तन करने के बाद वसीम रिजवी ने कहा कि आज से वह सिर्फ हिंदुत्व के लिए काम करेंगे। उन्होंने कहा कि मुसलमानों का वोट किसी भी सियासी पार्टी को नहीं जाता है। मुसलमान केवल हिंदुत्व के खिलाफ और हिंदुओं को हराने के लिए वोट करते हैं। गौरतलब है कि कुछ दिन पहले ही वसीम रिजवी ने अपनी वसीयत जारी की थी। इस वसीयत में उन्होंने ऐलान किया था कि मरने के बाद उन्हें दफनाने के बजाय हिंदू रीति रिवाज से अंतिम संस्कार किया जाए। उन्होंने यह भी कहा था कि यति नरसिम्हानंद उनकी चिता को आग दें। इस वसीयत के बाद वसीम रिजवी का एक वीडियो भी सामने आया था, जिसमें उन्होंने खुद की हत्या की साजिश की आशंका जताई थी।