Joshimath पर IIT Kanpur के Professor का ये खुलासा चौंका देगा

Joshimath is Sinking। जोशीमठ पर मंडराता प्रलय का खतरा कम होने के बावजूद लोगों द्वारा फैलाई जा रहीं अब अफवाहों को लेकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने चिंता जाहिर की है। इस बीच आईआईटी कानपुर के भू वैज्ञानिक(geologist) प्रो. राजीव सिन्हा ने एक नया खुलासा किया है। 2021 में चमोली में आई आपदा के बाद उत्तराखंड क्षेत्र में ड्रोन सर्वे कर चुके प्रो. सिन्हा ने आगाह किया कि चूंकि जोशीमठ भूस्खलन के मलबे पर बसा है, जो भूर्गभ में पानी का सतह पर दबाव बनने पर धीरे-धीरे खिसक रहा है।

Share this Video

जोशीमठ पर मंडराता प्रलय का खतरा कम होने के बावजूद लोगों द्वारा फैलाई जा रहीं अब अफवाहों को लेकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने चिंता जाहिर की है। इस बीच आईआईटी कानपुर के भू वैज्ञानिक(geologist) प्रो. राजीव सिन्हा ने एक नया खुलासा किया है। 2021 में चमोली में आई आपदा के बाद उत्तराखंड क्षेत्र में ड्रोन सर्वे कर चुके प्रो. सिन्हा ने आगाह किया कि चूंकि जोशीमठ भूस्खलन के मलबे पर बसा है, जो भूर्गभ में पानी का सतह पर दबाव बनने पर धीरे-धीरे खिसक रहा है। जोशीमठ भूस्खलन और भू-धंसाव से प्रभावित क्षेत्र में है, इसका कारण यहां आने वाले हल्के भूकंप हैं। वहीं, इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ रिमोट सेंसिंग (आईआईआरएस) ने करीब दो साल की सेटेलाइट तस्वीरों का अध्ययन करने के बाद सरकार को एक रिपोर्ट दी है। इसके अनुसार, जोशीमठ हर साल 6.62 सेंटीमीटर यानी करीब 2.60 इंच धंस रहा है। आईआईआरएस देहरादून के वैज्ञानिकों ने जुलाई 2020 से मार्च 2022 के बीच जोशीमठ और आसपास के करीब 6 किलोमीटर क्षेत्र की सेटेलाइट तस्वीरों का अध्ययन किया।

Related Video