जर्मन कंपनी BMW का पूरा नाम काफी लोगों को नहीं पता होगा। इसका नाम जर्मनी के बारिया (Bavaria) इलाके का नाम जुड़ा है। एक समय कंपनी यहीं इंजन बनाती थी।
तब कंपनी का नाम बवेरियन मोटेरन वर्के (Bayerische Motoren Werke) रखा गया था। बाद में इसे बावरिया मोटर वर्क नाम से जाना गया, जिसे BMW कहते हैं।
बीएमडब्ल्यू के लोगो एयरक्राफ्ट प्रॉपेलर को दर्शाता है। इसमें रफ्तार से चलते एयरक्राफ्ट इंजन के प्रोपेलर की फोटो है। इसके पीछे भी एक दिलचस्प कहानी है।
प्रथम विश्वयुद्ध के दौरान BMW की स्थापना हुई। यह फाइटर प्लेन का इंजन बनाती थी। वर्ल्ड वार बाद वर्सेल्लीस युद्धविराम संधि की शर्तों के अनुसार एयरक्राफ्ट इंजन का काम बंद करना पड़ा।
इसके बाद कंपनी ने ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री में एंट्री की और 1923 में कंपनी ने मोटरसाइकिल बनाना शुरू किया। बीएमडब्ल्यू की पहली मोटरसाइकिल का नाम R32 था।
मोटरसाइकिल के बाद कंपनी ने कार प्रोडक्शन का काम शुरू किया। साल 1923 में पहली बार बीएमडब्ल्यू ने कार बनानी शुरू की और आज दुनिया की सबसे लग्जरी कार बनाती है।
द्वितीय विश्व युद्ध की शुरुआत में बीएमडब्लूय ने कमाल कर दिया और इस दौरान कंपनी ने साइड कार के साथ r75 लॉन्च कर दिया था। जिसे काफी तारीफ मिली।
बीएमडब्ल्यू की r75 वह मोटरसाइकिल थी, जिस पर एक साथ तीन सैनिक सवार होकर कहीं भी आसानी से जा सकते थे और हमला करने के बाद वापस सुरक्षित लौट आते थे।