एक समय ऐसा भी था, जब रॉयल लुक वाली इनफील्ड बंद होने की कगार पर पहुंच गई थी। चेयरमैन विक्रम लाल ने प्रोडक्शन बंद करने का आदेश भी दे दिया था।
तब सड़कों से गायब हो चुकी रॉयल इनफील्ड की तकदीर CEO सिद्धार्थ लाल ने बदली। आज इस कंपनी की नेटवर्थ 54 हजार करोड़ रुपए के करीब पहुंच चुका है।
सिद्धार्थ 2000 में रॉयल इनफील्ड के CEO बने, तब ज्यादा माइलेज वाली दोपहिया के आगे यह बाइक फीकी पड़ रही थी। उन्होंने इसे सड़कों पर वापस लाने का प्लान बनाया।
रॉयल इनफील्ड को वापस लाने के लिए सिद्धार्थ ने फैमिली के 15 बिजनेस में से 13 पर ताला लगा दिया और पूरा फोकस रॉयल इनफील्ड को आगे ले जाने पर लगाया।
सिद्धार्थ लाल ने एक महीने तक बुलेट चलाया और इसकी खामियां पहचानी। उन्होंने इसे यूथ की बाइक बनाने पर ध्यान लगाया। इसमें काफी कुछ इंप्रूव किया गया।
दो साल के अंदर ही बुलेट नए अवतार में मार्केट में आ गया। यूथ को यह बाइक खूब पसंद आई और बिक्री का ग्राफ भी बढ़ गया। दोबारा से बाइक नंबर-1 बनकर उभरी।
साल 2014 में इस बाइक को जो धमाल मचाया उसका असर कंपनी पर भी पड़ा। आयशर मोटर्स लिमिटेड ग्रुप की कुल कमाई में 80% सिर्फ इनफील्ड की ही हिस्सेदारी थी।
आज रॉयल इनफील्ड की जबरदस्त डिमांड है। पिछले साल ही कंपनी ने रिकॉर्डतोड़ 8,34,895 मोटरसाइकिल बेच डाली। ग्रुप को 714 करोड़ का शुद्ध मुनाफा हुआ।
इस बाइक की डिमांड बढ़ी लेकिन कंपनी ने कीमत नहीं बढ़ाई। Bullet 350 और Classic 350 के साथ ही दो सिलेंडर इंजन वाली बाइक की खूब मांग है।
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सिद्धार्थ ने रॉयल इनफील्ड को यहां तक पहुंचाने में कई बोल्ड डिसीजन लिए। इसी की बदौलता उन्होंने अपने बलबूते आज इसे यूथ की पहली पसंद बना दिया है।