वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट भाषण में बताया कि कॉरपोरेट टैक्स घटाकर 22 फीसदी कर दिया गया है। सॉवरेन फंड्स के लिए टैक्स छूट बढ़ा दी गई है। स्टार्टअप्स टैक्स छूट भी बढ़ा है।
कॉर्पोरेट टैक्स एक ऐसा टैक्स होता है, जो सरकार की आय का सबसे बड़ा स्रोत होता है। अब बजट में वित्त मंत्री ने बताया कि इस टैक्स को कम कर दिया गया है।
कॉर्पोरेट टैक्स सरकार कंपनियों पर लगाती है। सभी प्राइवेट, लिमिटेड, लिस्टेड और अनलिस्टेड कंपनियों पर यह टैक्स लगाया जाता है। हर साल सरकार को इससे बड़ा रेवेन्यू मिलता है।
निर्मला सीतारमण ने 2019 में इकोनॉमी को बूस्ट देने कार्पोरेट टैक्स घटाने का ऐलान किया था। इसके बाद घरेलू कंपनियों को 30 फीसदी की दर से टैक्स देना होता था, जो अब 22% हो गया है।
कार्पोरेट टैक्स 22 फीसदी हो जाने के बाद देश में सभी कंपनियों को सरचार्ज और सेस मिलाकर कुल 25.17 फीसदी टैक्स देना होता है।
कॉर्पोरेट टैक्स से जो पैसा मिलता है, उसे सरकार अपनी गतिविधियों और जनता के लिए खर्च करती है। यह टैक्स घरेलू और विदेशी दोनों कंपनियों पर अलग-अलग लगाया जाता है।
कॉर्पोरेट टैक्स आयकर अधिनियम 1961 के तरह सरकार लगाती है। विदेशी कंपनियों को भारत में प्राप्त आय पर और घरेलू कंपनियों की पूरी कमाई पर यह टैक्स देना होता है।
कॉर्पोरेट टैक्स डायरेक्ट टैक्स होता है, जिसे लेनदेन करने वालों को सीधे ही भरना पड़ता है। यह सरकार की कमाई का बड़ा जरिया होता है।