भारत की पहली रैपिड ट्रेन (RAPIDX) को पीएम मोदी ने 20 अक्टूबर को साहिबाबाद में हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। 21 अक्टूबर से आम लोग इस ट्रेन में सफर कर सकेंगे।
इस हाईस्पीड ट्रेन को रैपिड नहीं बल्कि 'नमो भारत' नाम से जाना जाएगा। फर्स्ट फेज में साहिबाबाद से दुहाई के 17 किमी लंबे रूट को शुरू किया जा रहा है।
बता दें कि दिल्ली से मेरठ तक इस रूट की कुल लंबाई 82 KM है, जिसमें से 14 KM का हिस्सा दिल्ली, जबकि 68 KM का हिस्सा उत्तर प्रदेश में आता है।
2025 तक रैपिड रेल दिल्ली से मेरठ के बीच चलनी शुरू हो जाएगी। दिल्ली से मेरठ तक 82 किलोमीटर का सफर ट्रेन एक घंटे से भी कम समय यानी महज 55 मिनट में पूरा करेगी।
रैपिट ट्रेन को इस तरह डिजाइन किया गया है कि वो आसानी से 180 KM प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ सके। 6 कोच वाली इस ट्रेन को बुलेट ट्रेन की तरह डिजाइन किया गया है।
रैपिड रेल के कोच में बैठने के लिए दोनों तरफ 2-2 सीटें होंगी। यात्री इसमें खड़े होकर भी सफर कर सकेंगे। ऑटोमेटिक दरवाजों के अलावा दरवाजों को खोलने के लिए पुश बटन भी होंगे।
रैपिड रेल के कोच का निर्माण बॉक्बार्डियर के गुजरात स्थित सावली प्लांट में किया गया है। इसमें 40 ट्रेन सेट यानी 210 कोच 'मेक इन इंडिया' कैम्पेन के तहत बनाए गए हैं।
रैपिड रेल को दिल्ली मेट्रो की सभी 7 लाइनों से जोड़ा जाएगा। रैपिड रेल प्रोजेक्ट के तहत बनने वाले स्टेशनों को एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशनों और आईएसबीटी से भी जोड़ा जाएगा।