मुकेश अंबानी और उनके परिवार की सुरक्षा में CRPF के 25 कमांडो 24 घंटे तैनात रहते हैं। ये जवान जर्मन में बनी हेकलर एंड कोच MP5 सब-मशीन गन समेत कई मॉर्डर्न हथियारों से लैस रहते हैं।
अंबानी की सुरक्षा में CRPF कमांडो फोर्स में हथियारबंद गार्ड्स के अलावा उनके साथ चलने वाले गार्ड्स, ड्राइवर, पर्सनल सिक्योरिटी ऑफिसर और तलाशी लेने वाली टीम शामिल है।
अंबानी की सुरक्षा में तैनात कमांडो 2 शिफ्ट में काम करते हैं। CRPF के जवान घर के आसपास संदिग्ध गतिविधियों पर नजर रखते हैं। हथियारों से लैस जवान गाड़ियों के पास भी तैनात रहते हैं।
CRPF के अलावा अंबानी के पास 15-20 पर्सनल सिक्योरिटी गार्ड भी हैं। इन्हें इजराइल की सिक्योरिटी फर्म ने ट्रेंड किया है। ये मार्शल आर्ट तकनीक क्राव मगा में माहिर हैं।
अंबानी बुलेटप्रूफ BMW या मर्सडीज से चलते हैं। वहीं उनके सिक्योरिटी गार्ड्स रेंज रोवर में चलते हैं। उनके काफिले में CRPF और प्राइवेट सिक्योरिटी गार्ड्स की 6 से 8 गाड़ियां चलती हैं।
अंबानी और उनकी फैमिली को मिली Z+ सिक्योरिटी पर हर महीने 15-20 लाख रुपए खर्च होते हैं। ये खर्च अंबानी खुद उठाते हैं। इसमें सैलरी और सुरक्षा में तैनात गाड़ियों का खर्च शामिल है।
अंबानी और उनकी फैमिली को मिलने वाली Z+ सिक्योरिटी के अलावा उनकी कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज की जामनगर स्थित रिफाइनरी की सुरक्षा का जिम्मा CISF के पास है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, रिलायंस इंडस्ट्रीज की सिक्योरिटी के लिए रिलांयस सेंट्रल इंडस्ट्रियल सिक्योरिटी फोर्स यानी CISF को हर महीने 34 लाख रुपए देती है।