रूस के साइबेरिया में स्थित मिरनी शहर में बड़ी-बड़ी खदानें हैं। पूरा शहर ही हीरे की खदानों से भरा पड़ा है। लेकिन मिरनी माइन दुनिया की सबसे बड़ी खदान है।
ये खदान 4000 फीट चौड़ी, जबकि 1772 फीट गहरी है। इस खदान को दुनिया का सबसे बड़ा मानव निर्मित गड्ढा भी कहा जाता है।
ये खदान इतनी बड़ी और गहरी है कि उपर से गुजरने वाले विमान को अपने अंदर खींच लेती है। कई हेलिकॉप्टर और छोटे हवाई जहाज इसमें समा चुके हैं।
वैज्ञानिकों का कहना है कि खदान का गड्ढा इतना विशाल है कि इसके अंदर हवा का प्रेशर बहुत ज्यादा रहता है। यही वजह है इसके उपर से विमानों के गुजरने पर पाबंदी लगा दी गई है।
साइबेरिया का मिरनी शहर इतना ज्यादा ठंडा रहता है कि यहां का तापमान -40 डिग्री तक चला जाता है। ठंड के चलते गाड़ियों के टायर तक फट जाते हैं। कई बार तेल भी जम जाता है।
यहां की जमीन का ज्यादातर हिस्सा पर्माफास्ट से ढंका है। गर्मी के दिनों में पर्माफास्ट पिघलने से यहां की जमीन कीचड़ में बदल जाती है। इसके चलते लोग खंभों के ऊपर घर बनाकर रहते हैं।
1957 से शुरू हुई मिरनी खदान में हर साल 10,000,000 कैरेट हीरे का उत्पादन होता था। हालांकि, रहस्यमय घटनाओं की वजह से 2004 में इसे बंद कर दिया गया।
मिरनी खदान से 342.57 कैरेट का फैंसी लेमन येलो डायमंड निकला था। ये किसी भी देश में मिला अब तक का सबसे बड़ा हीरा था।