पर्सनल लोन देने से पहले बैंक चेक करते हैं कि आप उसे सही टाइम पर लौटा पाएंगे कि नहीं। इसके लिए आपकी उम्र, इनकम, क्रेडिट स्कोर देखा जाता है। पर्सनल लोन सैलरी के हिसाब से मिल सकता है।
बैंक लोन देने से पहले सिबिल स्कोर चेक करते हैं। इससे पता चलता है कि आप कितनी आसानी से लोन चुका देते हैं। पर्सनल लोन के लिए बैंक आमतौर पर 750 प्लस सिबिल स्कोर को प्रॉयरिटी देते हैं।
पर्सनल लोन के लिए जब भी अप्लाई करें तो सबसे पहले चेक कर लें कि कौन सा बैंक कितनी ब्याज पर लोन ऑफर कर रहा है। इससे जहां कम इंटरेस्ट लोन है, वहां से लेना फायदा पहुंचा सकता है।
पर्सनल लोन में प्रिंसिपल अमाउंट (मूलधन) और ब्याज दर होता है। इन्हें किस्तों यानी EMI में चुकाना होता है। लोन लेने से पहले चेक कर लें कि मंथली ईएमआई कितनी आएगी।
पर्सनल लोन लेते समय कुछ बैंक स्टैंडर्ड EMI और फ्लेक्सिबल EMI ऑप्शन देते हैं। स्टैंडर्ड EMI में मंथली बंधी किस्त आती है, जबकि फ्लेक्सिबल EMI में कम किस्त से धीरे-धीरे बढ़ाते हैं।
पर्सनल लोन चुकाने से पहले लोन प्रीपेमेंट की शर्तें चेक करनी चाहिए। कई बैंक इस पर पेनाल्टी लगाते हैं यानी लोन का टेन्योर पूरा होने से पहले लोन चुकाने पर जुर्माना देना पड़ता है।
पर्सनल लोन लेने से पहले बैंक या NBFC के बारें में जानना चाहिए। जैसे- वह कितना मजबूत है, कैसी सर्विस देता है, उसके पास क्या-क्या प्लान है। इससे कई फायदा होता है और दिक्कतें नहीं आती