प्री-अप्रूव्ड लोन बैंक या फाइनेंसर आपकी फाइनेंशियल हिस्ट्री, सैलरी और क्रेडिट स्कोर के आधार पर खुद ऑफर करते हैं। इसमें डॉक्युमेंटेशन कम,अप्रूवल फास्ट और पैसा सीधे खाते में आता है।
फ्रेश यानी नया लोन के लिए आपको खुद अप्लाई करना होता है। KYC, इनकम प्रूफ और कई डॉक्युमेंट्स जमा करने होते हैं। बैंक आपकी क्रेडिट वेल्यू देखकर लोन अप्रूव करते हैं।
प्री-अप्रूव्ड लोन में बैंक अपनी तरफ से फिक्स इंटरेस्ट रेट ऑफर करता है, जो जरूरी नहीं कि सबसे कम हो। वहीं, नए लोन में आप अलग-अलग बैंक या NBFC से ब्याज कंपेयर कर सकते हैं।
अगर आपको तुरंत पैसों की जरूरत है, तो प्री-अप्रूव्ड लोन बेस्ट है, क्योंकि 24 घंटे में अमाउंट खाते में ट्रांसफर हो जाता है। फ्रेश लोन के अप्रूवल और वेरिफिकेशन में 2-7 दिन लग सकते हैं
कुछ प्री-अप्रूव्ड लोन में प्रोसेसिंग फीस नहीं ली जाती, जिससे आप काफी पैसा बचा सकते हैं। वहीं नए लोन में प्रोसेसिंग फीस, डॉक्युमेंट चार्ज और अन्य हिडन कॉस्ट लग सकते हैं।
अगर आपकी जरूरत इमरजेंसी वाली है और जल्दी पैसा चाहिए, तो प्री-अप्रूव्ड लोन सही है।लेकिन अगर आपके पास समय है और कम ब्याज पर लॉन्ग टर्म लोन चाहते हैं, तो फ्रेश लोन फायदेमंद हो सकता है
प्री-अप्रूव्ड लोन की आसानी के चलते कई लोग जरूरत से ज्यादा पैसे ले लेते हैं। इससे EMI बढ़ जाती है और बजट बिगड़ सकता है। लोन लेने से पहले EMI कैलकुलेटर से जरूर चेक करें।
एक्सपर्ट्स के अनुसार, लोन अपनी जरूरत, सैलरी, पेमेंट कैपेसिटी के मुताबिक ही लें। प्री अप्रूव्ड और फ्रेश लोन की तुलना करें। ब्याज दर, प्रोसेसिंग फीस, समय और शर्तों को अच्छी तरह समझें