मोदी सरकार 3.0 के पहले बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शेयर बाजार में निवेश करने वालों के लिए बड़ा ऐलान किया। उन्होंने कहा कि अब शेयर बायबैक से कमाई पर भी टैक्स देना होगा।
जब शेयर इश्यू करने वाली कंपनी अपने ही शेयर वापस खरीदने लगती है तो उसे शेयर बायबैक कहा जाता है। कई बार कंपनी बड़े शेयर होल्डर्स से सीधे ही शेयर बायबैक कर उन्हें फिक्स प्राइज देती है
हर कंपनी में इसका अलग-अलग कारण हो सकता है। सबसे बड़ा कारण शेयरों पर अर्निंग या रिटर्न ऑन इक्विटी को बेहतर बनाना होता है। इससे कंपनी की प्रति शेयर इनकम भी बढ़ती है।
शेयर बायबैक पर कंपनियों के साथ निवेशकों को भी टैक्स देना पड़ेगा। वित्त मंत्री ने कहा कि डिविडेंड पर जैसी कमाई होती है, उसी तरह शेयर बायबैक से होने वाली कमाई पर भी टैक्स लिया जाएगा।
नए प्रस्ताव के तहत जब कंपनियां शेयर बायबैक करेंगी, तो उससे होने वाली आय निवेशक को मिलेगी। उसे कंपनी की बजाय निवेशक को डिविडेंड के रुपए में टैक्स योग्य बनाया जाएगा।
इसका मतलब बायबैक से जो कमाई निवेशक की होगी, उस पर उन्हें डिविडेंड की तरह टैक्स देना होगा। अभी तक जब कंपनियां शेयरों को बायबैक करती थी तो उन्हें एक्स्ट्रा इनकम टैक्स देना पड़ता था।
कंपनियां जिन शेयरों को बाय-बैक करेंगी, उनकी खरीद की लागत निवेशक के लिए कैपिटल लॉस माना जाएगा। मतलब निवेशक उन शेयरों को लॉस में दिखा सकता है, जिससे उसे लाभ हो सकता है।
अगर निवेशक ने किसी कंपनी के 100 शेयर 200 रुपए में खरीदे हैं और कंपनी 250 रुपए प्रति शेयर के हिसाब से बायबैक कर रही है तो 15 हजार की इनकम पर निवेशकों को डिविडेंड टैक्स देना होगा।
निवेशक इस हिसाब से 15 हजार की कमाई पर डिविडेंड टैक्स देगा और 100 शेयर × 200 = 20,000 रुपए कैपिटल लॉस के तौर पर दिखा सकता है।