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Warren Buffett: 11 साल के बच्चे की $38 की गलती, जिसने अरबों बनाकर दिया

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11 साल की उम्र में पहला शेयर खरीदा

1941 में वॉरेन बफे ने महज 11 साल की उम्र में पहला शेयर खरीदा था। उन्होंने अमेरिका की एक कंपनी के तीन शेयर करीब $38 में लिए। यह उनके लिए सिर्फ पैसा नहीं, बल्कि भरोसे का फैसला था।

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बाजार गिरा और डर हावी हुआ

शेयर खरीदने के कुछ ही समय बाद बाजार गिर गया। शेयर की कीमत नीचे जाने लगी। बफे को लगा कि कहीं उनके सारे पैसे डूब न जाएं। यही वो पल था, जहां भावनाएं फैसले पर हावी होने लगीं।

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थोड़ा मुनाफा मिला और शेयर बेच दिया

कुछ समय बाद जब शेयर की कीमत थोड़ी बढ़ी और मामूली मुनाफा दिखा, तो बफे ने बिना देर किए उन्होंने शेयर बेच दिए। उन्हें लगा उन्होंने समझदारी दिखाई और नुकसान से बच गए हैं।

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जल्दबाजी निवेश की सबसे बड़ी दुश्मन

जल्दी शेयर बेचने के कुछ महीने बाद उसी कंपनी के शेयर कई गुना बढ़ गए। बफे थोड़ा और इंतजार करते, तो मुनाफा बड़ा होता। यहीं उन्हें समझ आया कि जल्दबाजी निवेश की सबसे बड़ी दुश्मन है।

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वॉरेन बफे को धैर्य का असली मतलब समझ आया

इस एक अनुभव ने बफे को जिंदगी का सबसे बड़ा सबक सब्र करना सिखा दिया। उन्होंने समझा कि अच्छे निवेश को समय देना जरूरी है। बाजार का उतार-चढ़ाव डरने की चीज नहीं।

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शेयर नहीं, बिजनेस की तरह सोचना शुरू किया

बफे ने तय किया कि आगे से शेयर को कागज नहीं, बिजनेस में हिस्सेदारी मानेंगे। वे ऐसी कंपनियां चुनेंगे, जिन्हें सालों तक पकड़े रखा जा सके। यहीं से उनकी सोच बाकी निवेशकों से अलग हो गई।

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वॉरेन बफे ने शॉर्टकट से दूरी बनाई

बफे ने कभी भी तेजी से पैसा कमाने के चक्कर में ट्रेडिंग नहीं की। अफवाहों, टिप्स, शॉर्टकट से दूरी बनाई। उनका फोकस मजबूत कंपनी और लॉन्ग टर्म पर रहा। यही उन्हें भीड़ से अलग करती चली गई

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कंपाउंडिंग की ताकत पर भरोसा

बफे को समझ आ गया था कि असली जादू कंपाउंडिंग में है। पैसा धीरे-धीरे बढ़ता है, लेकिन समय के साथ उसका असर बहुत बड़ा हो जाता है। $38 की छोटी रकम से शुरू हुई सोच ने अरबों बना दिए।

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वॉरेन बफे का सक्सेस मंत्र

बफे कहते हैं, 'अगर आप शेयर 10 साल नहीं रख सकते, तो 10 मिनट भी मत रखिए।' उनका कहना है कि गिरावट देखकर घबराना या थोड़ा मुनाफा देखकर बेच देना सबसे आम गलती है।

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क्यों आज भी बफे की सोच काम करती है

आज भी जब लोग जल्दी अमीर बनने की दौड़ में हैं, बफे की पुरानी सोच काम कर रही है। उन्होंने साबित किया कि साधारण नियम, लंबा समय और शांत दिमाग मिलकर बड़ा फंड बना सकते हैं।

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