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जानें क्या होता है साइबर इंश्योरेंस, ये क्यों और कितना जरूरी?

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साइबर क्राइम तेजी से बढ़ रहा है

डिजिटल लेनदेन और सोशल मीडिया का यूज बढ़ने से फाइनेंशियल और पर्सनल जानकारियां काफी अहम हो गई हैं। इनके लीक होने और ऑनलाइन आर्थिक धोखाधड़ी के मामले काफी हद तक बढ़ गए हैं।

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साइबर इंश्योरेंस क्यों है जरूरी

साइबर क्राइम से बचाव और नुकसान की भरपाई के लिए Cyber Insurance की जरूरत पड़ रही है। इसलिए आज हेल्‍थ और लाइफ इंश्‍योरेंस के साथ ही साइबर इंश्‍योरेंस लेना भी जरूरी हो गया है।

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साइबर इंश्योरेंस के फायदे

साइबर बीमा लेने वालों को साइबर क्राइम और फ्रॉड का कवर दिया जाता है। इससे बैंक अकाउंट, क्रेडिट,डेबिट कार्ड या ई-वॉलेट से धोखाधड़ी की भरपाई हो जाती है और आपकी कमाई बच जाती है।

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साइबर इंश्योरेंस क्यों लेना चाहिए

साइबर इंश्‍योरेंस आपको साइबर फ्रॉड, डेटा चोरी, साइबर अटैक, रैंसमवेयर अटैक और ब्लैकमेलिंग से वसूली जैसी स्थिति में फाइनेंशियल रिस्क को कम करता है।

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साइबर इंश्योरेंस लेते वक्त क्या करें

साइबर इंश्‍योरेंस लेते वक्‍त कंपनी के प्लान को अच्छी तरह समझें। यह पता होना चाहिए की पॉलिसी में क्‍या-क्‍या कवर होगा। साइबर इंश्‍योरेंस पॉलिसी 10-15 तरह के साइबर खतरे कवर करती है।

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साइबर इंश्योरेंस की लिमिट कितनी होनी चाहिए

साइबर सुरक्षा आपके लिए कितना जरूरी है, इस हिसाब से इंश्योरेंस लिमिट लें। ज्‍यादा ऑनलाइन ट्रांजैक्‍शन करने वालों को ज्यादा लिमिट चाहिए। कंपनियां 50 हजार से 1 करोड़ तक कवरेज देती हैं

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कम प्रीमियम के चक्कर में न फंसे

कई कंपनियां कम प्रीमियम में ज्यादा डिडक्टिबल करती हैं। इसमें पॉलिसीधारक को पहले नुकसान भरना पड़ता है, बाद में कंपनियां भुगतान करती हैं। प्रीमियम ज्यादा दें लेकिन डिडक्टिबल कम रखें।

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