जानें क्या होता है साइबर इंश्योरेंस, ये क्यों और कितना जरूरी?
Business News Jan 05 2024
Author: Satyam Bhardwaj Image Credits:Freepik
Hindi
साइबर क्राइम तेजी से बढ़ रहा है
डिजिटल लेनदेन और सोशल मीडिया का यूज बढ़ने से फाइनेंशियल और पर्सनल जानकारियां काफी अहम हो गई हैं। इनके लीक होने और ऑनलाइन आर्थिक धोखाधड़ी के मामले काफी हद तक बढ़ गए हैं।
Image credits: freepik
Hindi
साइबर इंश्योरेंस क्यों है जरूरी
साइबर क्राइम से बचाव और नुकसान की भरपाई के लिए Cyber Insurance की जरूरत पड़ रही है। इसलिए आज हेल्थ और लाइफ इंश्योरेंस के साथ ही साइबर इंश्योरेंस लेना भी जरूरी हो गया है।
Image credits: Pexels
Hindi
साइबर इंश्योरेंस के फायदे
साइबर बीमा लेने वालों को साइबर क्राइम और फ्रॉड का कवर दिया जाता है। इससे बैंक अकाउंट, क्रेडिट,डेबिट कार्ड या ई-वॉलेट से धोखाधड़ी की भरपाई हो जाती है और आपकी कमाई बच जाती है।
Image credits: Getty
Hindi
साइबर इंश्योरेंस क्यों लेना चाहिए
साइबर इंश्योरेंस आपको साइबर फ्रॉड, डेटा चोरी, साइबर अटैक, रैंसमवेयर अटैक और ब्लैकमेलिंग से वसूली जैसी स्थिति में फाइनेंशियल रिस्क को कम करता है।
Image credits: Freepik
Hindi
साइबर इंश्योरेंस लेते वक्त क्या करें
साइबर इंश्योरेंस लेते वक्त कंपनी के प्लान को अच्छी तरह समझें। यह पता होना चाहिए की पॉलिसी में क्या-क्या कवर होगा। साइबर इंश्योरेंस पॉलिसी 10-15 तरह के साइबर खतरे कवर करती है।
Image credits: Freepik
Hindi
साइबर इंश्योरेंस की लिमिट कितनी होनी चाहिए
साइबर सुरक्षा आपके लिए कितना जरूरी है, इस हिसाब से इंश्योरेंस लिमिट लें। ज्यादा ऑनलाइन ट्रांजैक्शन करने वालों को ज्यादा लिमिट चाहिए। कंपनियां 50 हजार से 1 करोड़ तक कवरेज देती हैं
Image credits: Freepik
Hindi
कम प्रीमियम के चक्कर में न फंसे
कई कंपनियां कम प्रीमियम में ज्यादा डिडक्टिबल करती हैं। इसमें पॉलिसीधारक को पहले नुकसान भरना पड़ता है, बाद में कंपनियां भुगतान करती हैं। प्रीमियम ज्यादा दें लेकिन डिडक्टिबल कम रखें।