Hindi

हौसला तोड़ बाधाओं को पार कर UPSC क्रैक किया, बने IAS

Hindi

IAS ऑफिसर की प्रेरक कहानी

ये 5 IAS ऑफिसर की कहानी हर किसी को प्रेरित करने वाली हैं। इन्होंने बचपन में क्या कुछ नहीं झेला लेकिन फिर भी उन बाधाओं को पार कर अपनी राह बनाई। जानिए

Image credits: social media
Hindi

आरती डोगरा की लंबाई महज 3.5 फीट

एक पुरस्कार विजेता आईएएस अधिकारी, आरती डोगरा का जीवन कई लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत है। उत्तराखंड के देहरादून में जन्मी आरती की लंबाई महज 3.5 फीट है। 

Image credits: social media
Hindi

देहरादून के प्रतिष्ठित स्कूल से पढ़ाई

उसे बताया गया था कि वह नियमित जीवन नहीं जी पाएगी और सामान्य स्कूल नहीं जा पाएगी। हालांकि सभी बाधाओं को पार करते हुए, आरती ने देहरादून के एक प्रतिष्ठित गर्ल्स स्कूल में पढ़ाई की।

Image credits: social media
Hindi

पहले प्रयास में UPSC में सफलता

दिल्ली विवि के लेडी श्री राम कॉलेज से अर्थशास्त्र में स्नातक डिग्री प्राप्त की। उपहास का सामना करने से कभी भी उनकी मजबूत भावना कम नहीं हुई। वह पहले ही प्रयास में UPSC में सफल हुई।

Image credits: social media
Hindi

मतदान के दौरान विकलांगों के लिए व्हीलचेयर, वाहन

राजस्थान कैडर में उन्होंने मतदान में भाग लेने के लिए सभी निर्वाचन क्षेत्रों में विकलांगों के लिए व्हीलचेयर, वाहनों की व्यवस्था की जिससे रिकॉर्ड 17,000 विकलांग मतदाता दे पाये।

Image credits: social media
Hindi

विवेक कुट्टीकोल IAS

केरल के वनम समुदाय से संबंधित विवेक के पिता उत्तरी केरल क्षेत्र की औपचारिक नृत्य के कलाकारों में से थे। शराबी पिता के साथ विवेक का बचपन एक बुरे सपने जैसा था।

Image credits: social media
Hindi

परीक्षा से 15 दिन पहले पिता का निधन

परीक्षा से पंद्रह दिन पहले उसे पता चला कि उनके पिता का निधन हो गया है। हालांकि इससे वह रुके नहीं बल्कि उसका संकल्प और मजबूत हुआ।

Image credits: social media
Hindi

सिविल सेवक के रूप में लोगों की मदद करने की ठानी

वह जानते थे कि एक सिविल सेवक के रूप में काम करने से वह सैकड़ों लोगों को ऐसी शराब की लत से छुटकारा दिला सकेंगे।

Image credits: social media
Hindi

लोगों को नशे की लत से लड़ने में मदद कर रहे

2017 में उन्होंने UPSC परीक्षा उत्तीर्ण की और अब अपने पिता जैसे लोगों को नशे की लत से लड़ने में मदद कर रहे हैं।

Image credits: social media
Hindi

मोहम्मद अली शिहाब IAS

केरल के मलप्पुरम जिले के एडवन्नप्पारा गांव में 80 के दशक में पैदा हुए मोहम्मद अली शिहाब अपने दमा पीड़ित पिता की अस्थायी पान की दुकान में मदद के लिए वह ज्यादातर स्कूल छोड़ देते थे।

Image credits: social media
Hindi

पिता का निधन

परिवार पर दुख तब टूटा जब मोहम्मद 11 वर्ष के थे उनके पिता का निधन हो गया, जिससे उनकी मां फातिमा पांच बच्चों की देखभाल के लिए अकेली रह गईं।

Image credits: social media
Hindi

दस साल अनाथालय में बिताए

वित्तीय संकट ने फातिमा को अपने बेटों और दो बेटियों को कोझिकोड के एक अनाथालय में भेजने के लिए प्रेरित किया। मोहम्मद अली शिहाब ने अगले दस साल अनाथालय में बिताए।

Image credits: social media
Hindi

छोटी-मोटी नौकरियां की

उन्होंने फिर केरल जल प्राधिकरण में चपरासी और ग्राम पंचायत में क्लर्क के रूप में छोटी-मोटी नौकरियां करना शुरू कर दिया।

Image credits: social media
Hindi

यूपीएससी परीक्षा पास की

आखिरकार 2011 में महीनों की तैयारी के बाद उन्होंने यूपीएससी परीक्षा पास कर ली।

Image credits: social media
Hindi

राजेंद्र भरूड IAS

सकरी तालुका के छोटे से गांव समोदे में जन्मे और पले-बढ़े डॉ. राजेंद्र भारूद बंडू भारूद और कमलाबाई की तीन संतानों में से हैं। 

Image credits: social media
Hindi

गन्ने के पत्तों से बनी एक छोटी सी झोपड़ी में रहे

जन्म से ठीक पहले अपने पिता को खोने के बाद राजेंद्र अपनी मां, दादी द्वारा देसी शराब बेचकर चलाए जाने वाले घर में बड़े हुए।परिवार गन्ने के पत्तों से बनी छोटी झोपड़ी के नीचे रहता था।

Image credits: social media
Hindi

मां ने बेहतर संस्थान में दाखिला कराया

जब राजेंद्र कक्षा 5 में थे, तो उनके स्कूल ने उन्हें एक बुद्धिमान छात्र के रूप में पहचाना। उनकी मां ने उन्हें उच्च शिक्षा के लिए बेहतर संस्थान में दाखिला दिलाने का फैसला किया। 

Image credits: social media
Hindi

यूपीएससी क्लियर की

उन्होंने न केवल यूपीएससी क्लियर करके बल्कि उससे पहले मेडिकल की पढ़ाई करके डॉक्टर बनकर यह साबित कर दिया कि उनकी मां का फैसला सही था।

Image credits: social media
Hindi

मोहम्मद अली शिहाब IAS

अंसार शेख का बचपन चुनौतीपूर्ण था।रिक्शा चालक का बेटा, जो शराब की लत से जूझ रहा था, अंसार बड़े होकर घरेलू हिंसा के शिकार हुए। उनकी मां पिता की तीसरी पत्नी थीं। खेत में काम करती थीं।

Image credits: social media
Hindi

बहनों की शादी 15 साल की उम्र में

अत्यधिक गरीबी के कारण, उन्होंने अपनी बहनों की शादी 15 साल की उम्र में होते देखी और उनके भाई ने अपने चाचा के गैरेज में काम करने के लिए छठी कक्षा छोड़ दी।

Image credits: social media
Hindi

पहले ही प्रयास में यूपीएससी परीक्षा पास कर ली

घर पर ऐसी परिस्थितियां के बीच भी उन्होंने पढ़ाई नहीं छोड़ी और 2016 में अपने पहले ही प्रयास में यूपीएससी परीक्षा पास कर ली।

Image credits: social media
Hindi

सबसे कम उम्र के IAS बने

21 साल की छोटी उम्र में अंसार सबसे कम उम्र के आईएएस अधिकारी बन गए।

Image Credits: social media