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15 साल की उम्र में बने इंजीनियर, 3 महीने में 11-12वीं, 1 साल में बीई

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13 साल की उम्र में पूरी की स्कूली शिक्षा

लोग जहां 17 साल में स्कूली शिक्षा, 20-23 साल की उम्र में ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी करते हैं। वहीं गुजरात के जामनगर के निर्भय ठाकर ने 13 साल की उम्र में यह मुकाम हासिल कर लिया।

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4 साल के कोर्स की डिग्री 1 साल में ली

निर्भय ठाकर ने महज एक साल में पूरा बैचलर ऑफ इंजीनियरिंग (बीई) डिग्री कोर्स पूरा कर सुर्खियां बटोरी थीं। जबकि कुछ साल पहले निर्भय को शिक्षकों ने "कमजोर छात्र" का टैग दिया था।

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8वीं से 10वीं तक की पढ़ाई करने में लगे 6 महीने

शैक्षणिक वर्ष 2015-16 में निर्भय को कक्षा 8-10 उत्तीर्ण करने में केवल छह महीने लगे और फिर 11वीं, 12वीं कक्षा उत्तीर्ण करने में केवल 3 महीने लगे।

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15 साल की उम्र में गुजरात के सबसे कम उम्र के इंजीनियर बन गए

2002 में जन्मे निर्भय ने 13 साल की उम्र में एचएससी पूरी कर ली। सिर्फ 15 साल की उम्र में गुजरात के सबसे कम उम्र के इंजीनियर बन गए। उन्हें 4 साल का कोर्स करने में सिर्फ एक साल लगे।

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माता-पिता का अहम रोल

निर्भय एजुकेशनल प्रोग्रेस में उनके पिता धवल ठाकर, एक इंजीनियर और मां, एक डॉक्टर द्वारा की गई थी। निर्भय ने अपनी स्कूली शिक्षा इंटरनेशनल जनरल सर्टिफिकेट ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन से की।

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कई डिग्रियां लेने का है निर्भय का इरादा

उन्होंने 2018 में 15 साल की उम्र में गुजरात टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी (जीटीयू) से इंजीनियरिंग की डिग्री प्राप्त की। निर्भय का इरादा डिग्रियां इकट्ठा करने का था। 

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3 साल में 10 इंजीनियरिंग डिग्री हासिल करने का लक्ष्य

उन्होंने तीन साल के दौरान 10 इंजीनियरिंग डिग्री हासिल करने का लक्ष्य रखा, साथ ही "चार साल में इंजीनियरिंग की पांच ब्रांच कंप्लीट करने की चाहत।

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मिल चुका है यंग अचीवर अवार्ड

वह 10 इंजीनियरिंग डिग्रियों के अलावा पीएचडी भी करना चाहते हैं। उन्हें वर्ल्ड एजुकेशन कांग्रेस द्वारा यंग अचीवर अवार्ड मिला था।

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डिफेंस क्षेत्र में टेक्निकल वर्क करने की चाहत

निर्भय रिसर्च और प्रोडक्ट डेवलपमेंट पर काम करने के लिए प्रतिष्ठित आईआईटी, गांधीनगर में शामिल हुए थे। वह डिफेंस क्षेत्र में अगली पीढ़ी की तकनीक पर काम करना चाहते हैं।

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