गौतम अडानी ने आदानी इंटरनेशनल स्कूल के छात्रों से मार्गदर्शक बाते शेयर कीं। छात्रों के माता-पिता से कहा कि वे अपने बच्चों को दृढ़ संकल्प और दूसरों की सेवा की भावना से लैस करें।
उन्होंने माता-पिता को यह सलाह दी कि बच्चों को सपने देखने और इनोवेशन करने के लिए प्रेरित करें, साथ ही यह भी सिखाएं कि वे अपनी जड़ों को न भूलें और हमेशा अपने देश के लिए काम करें।
अडानी ने छात्रों से कहा कि चाहे वे कहीं भी अपना भविष्य बनाएं, उन्हें हमेशा भारतीयता की भावना को साथ रखना चाहिए। ग्लोबल सिटिजन्स बनें, लेकिन उनका दिल हमेशा 'मातृभूमि' के लिए धड़के।
अडानी ने शिक्षकों की भूमिका को महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि वे केवल छात्रों को परीक्षा के लिए नहीं, बल्कि जीवन के लिए तैयार करते हैं। उनका हर शब्द छात्रों के भविष्य को आकार देता है।
अडानी ने छात्रों को कक्षा की सीमाओं से बाहर सोचने की सलाह दी। कहा केवल ज्ञान को ग्रहण न करें, उसे सपनों और आकांक्षाओं को जगाने के लिए उपयोग करें। अपनी पूरी क्षमता का इस्तेमाल करें।
अडानी ने छात्रों से कहा कि आज उन्हें बहुत सारे संसाधन उपलब्ध हैं, जिसका उपयोग उन्हें अपने लक्ष्यों की दिशा में करना चाहिए। अपने शुरुआती दिनों का उदाहरण दिया, जब संसाधनों की कमी थी।
गौतम अडानी ने छात्रों को यह प्रेरणा दी कि वे अपने कार्यों के माध्यम से दूसरों की मदद करें और समाज में सकारात्मक बदलाव लाएं। असली सफलता दूसरों के जीवन में सुधार लाने में ही है।
अडानी ने कहा कि विफलता, सफलता के सबसे महत्वपूर्ण साथी के रूप में होती है। उन्होंने छात्रों को विफलताओं से घबराने के बजाय उन्हें सीखने का अवसर मानने की सलाह दी।
अडानी ने छात्रों को तीन मुख्य सिद्धांत दिए: पहला- निरंतर सपने देखें, दूसरा- निरंतर सीखें और तीसरा- निरंतर निर्माण करें।