सरबजोत सिंह ने पेरिस ओलंपिक में भारत को ऐतिहासिक कांस्य पदक दिलाया। सरबजोत सिंह और मनु भाकर ने 16-10 के निर्णायक अंतर से जीत दर्ज की और भारत के लिए दूसरा पदक हासिल किया।
भारत के सबसे बेहतरीन निशानेबाजों में से एक सरबजोत सिंह अंबाला के रहनेवाले हैं। किसान पिता जतिंदर सिंह है, गृहिणी मां हरदीप कौर के बेटे हैं।
सरबजोत ने डीएवी कॉलेज, चंडीगढ़ और पंजाब यूनिवर्सिटी से पढ़ाई की है। उन्होंने ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की है।
सरबजोत ने एक फुटबॉलर बनने का सपना देखा था लेकिन उनका यह सपना तब बदल गया जब उन्होंने पहली बार एक कैंप के दौरान स्थानीय रेंज में कुछ बच्चों को एयर गन चलाते हुए देखा।
लेकिन जब सरबजोत ने अपने किसान पिता से शूटिंग सीखने के बारे में बात कि तो वह राजी नहीं हुए। क्योंकि यह एक महंगा खेल था जो एक किसान के बस की बात नहीं थी।
सरबजोत ने भी हार नहीं मानी और लगातार आपने माता-पिता को राजी करने में लगे रहे। आखिरकार पैरेंट्स ने हामीभर दी और इस तरह सरबजोत के शूटिंग करियर की शुरुआत हुई।
सरबजोत ने अंबाला कैंट में एआर शूटिंग एकेडमी कोच अभिषेक राणा से ट्रेनिंग ली। जिला स्तर से मेडल जीतने की शुरुआत हुई जो आज पेरिस ओलंपिक तक पहुंच चुकी है।