श्रीकांत बोला का जन्म 7 जुलाई 1991 को आंध्र प्रदेश के मछलीपट्टनम में हुआ। जन्म से नेत्रहीन श्रीकांत का स्कूल में छात्र खूब मजाक उड़ाते थे। 10 मई 2024 को इनकी बायोपिक रिलीज होगी।
श्रीकांत को बचपन से पढ़ाई करने का शौक था। यही वजह है कि वे हमेशा स्कूल और कॉलेज में टॉप करते थे। उनका सपना आईआईटी से पढ़ाई करने का था। इसलिए 12वीं में साइंस पढ़ना चाहते थे।
नेत्रहीन होने के कारण श्रीकांत को कॉलेज में साइसं में एडमिशन नहीं दिया गया। लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। एजुकेशन सिस्टम के खिलाफ केस किया, 6 महीने केस चला फिर उन्हें एडमिशन मिला।
श्रीकांत ने 12वीं क्लास में 98 प्रतिशत से टॉप किया। फिर उन्हें यूएस के MIT में एडमिशन मिला। वह MIT के पहले इंटरनेशनल ब्लाइंड स्टूडेंट बने।
उन्हें जॉब के कई ऑफर मिले लेकिन वह भारत आये और अपना स्टार्टअप शुरू किया। श्रीकांत बोला ने साल 2012 में बोलैंट इंडस्ट्रीज की स्थापना की। उन्हें रतन टाटा से भी फंडिंग मिली थी।
कंपनी के जरिए सैकड़ों विकलांगों को रोजगार का अवसर मिला। साल 2011 में श्रीकांत ने समन्वय केंद्र की सह-स्थापना की थी। ऐसे श्रीकांत दुनिया के पहले ब्लाइंड यंग सीईओ और फाउंडर बने।
बौलेंट इंडस्ट्री एक कंज्यूमर फूड पैकेजिंग कंपनी है, जहां पत्तियों और कागज के यूज से इको-फ्रेंडली पैकेजिंग का निर्माण किया जाता है। इसकी वैल्यू 400 करोड़ रुपये से अधिक है।
श्रीकांत बोला, एपीजे अब्दुल कलाम से भी मिल चुके हैं। वे लीड इंडिया 2020: द सेकेंड नेशनल यूथ मूवमेंट के सदस्य बने थे। जिसे भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉ.ए.पी.जे कलाम ने शुरू किया था।
श्रीकांत बोला की नेट वर्थ 50 करोड़ रुपये से अधिक है। उन्होंने साल 2022 में वीरा स्वाती से शादी की थी। कुछ समय पहले ही श्रीकांत और स्वाती माता-पिता बने हैं। दोनों की एक बेटी है।