2022 में महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा 1,764 छात्र आत्महत्याएं दर्ज की गईं, जो कि देशभर के कुल मामलों का 14% है।
इस लिस्ट में तमिलनाडु दूसरे स्थान पर है, जहां 1,416 छात्रों ने आत्महत्या की, जो कुल मामलों का 11% है।
1,340 मामलों के साथ, मध्य प्रदेश तीसरे स्थान पर है, जो कुल मामलों का 10% है।
उत्तर प्रदेश में 1,060 छात्र आत्महत्याएं दर्ज की गईं, जो कि देशभर के कुल मामलों का 8% है।
824 मामलों के साथ, झारखंड में भी स्थिति चिंताजनक है, जो कुल मामलों का 6% है।
राजस्थान के कोटा शहर, जो कोचिंग हब के रूप में जाना जाता है, वहां 571 छात्र आत्महत्याएं हुईं।
तमिलनाडु और झारखंड में साल-दर-साल छात्र आत्महत्याओं में क्रमशः 14% और 15% की बढ़ोतरी हुई है।
पिछले 10 सालों में महिला छात्रों की आत्महत्याओं में 61% और पुरुष छात्रों की आत्महत्याओं में 50% की बढ़ोतरी हुई है।