यूपीएससी पर्सनालिटी टेस्ट को यूपीएससी इंटरव्यू के रूप में भी जाना जाता है, दुनिया की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक - यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा का यह फाइनल राउंड होता है।
यूपीएससी पर्सनालिटी टेस्ट दिल्ली के धौलपुर हाउस में स्थित संघ लोक सेवा आयोग कार्यालय में यूपीएससी द्वारा गठित विभिन्न बोर्डों द्वारा आयोजित किया जाता है। इस राउंड के 275 अंक हैं।
इस साल यूपीएससी साक्षात्कार 2 जनवरी, 2024 से शुरू हुए हैं और 16 फरवरी 2024 को समाप्त होगा। जानिए यूपीएससी सीएसई इंटरव्यू राउंड के दौरान कैंडिटेट क्या करें और क्या न करें।
डीएएफ में हॉबीज कॉलम का अर्थ है कैंडिडेट की रुचि के क्षेत्र, इसमें उनकी भागीदारी और काफी हद तक इसके बारे में जानकारी। शौक पर सवालों के जवाब देने में ईमानदार और स्पष्ट होना चाहिए।
उम्मीदवार के रूप में आपसे किसी से घरेलू और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर होने वाले मुद्दों, घटनाओं को समझने की उम्मीद की जाती है। इंटरव्यू की तैयारी में डेली न्यूज पेपर जरूर पढ़ने चाहिए।
उम्मीदवारों को समझन चाहिए कि अब वे बोर्ड के सामने सवालों का जवाब दे रहे हैं, न कि उत्तर पुस्तिका पर इसलिए संक्षिप्त और टू-द-पॉइंट प्रतिक्रियाओं का अभ्यास करने की आवश्यकता है।
अपने वैकल्पिक विषयों के बारे में करंट अफेयर्स और बुनियादी ज्ञान पर अपडेट रहना चाहिए, खासकर जब विषय में करंट अफेयर्स शामिल हो।
बोलने की प्रैक्टिस करें। आपको अपने दोस्तों के सामने या कम से कम अकेले में इसका अभ्यास करना चाहिए और यदि संभव हो, तो इसे रिकॉर्ड करें और वापस सुनें।
एक अच्छी तरह से बोलने वाला व्यक्ति हमेशा बेहतर विचार प्रक्रिया वाला प्रतीत होता है। भाषा प्रवीणता भी उतनी ही महत्वपूर्ण है। जटिल शब्दों के बजाय सरलता से अपनी बात रखें।
उम्मीदवारों को यह समझना चाहिए कि बोर्ड के पास डीएएफ है, जिसने कमरे में प्रवेश करने से पहले ही उम्मीदवारों के व्यक्तित्व के बारे में कुछ जानकारी प्रदान कर दी है।
डीएएफ जो कहता है और उम्मीदवार अपने उत्तरों के माध्यम से जो पुष्टि करता है, उसके बीच जितना अधिक मेल होता है, उम्मीदवार के व्यक्तित्व की समझ उतनी ही बेहतर होती है।
उम्मीदवार पूरी बातचीत के दौरान सच्चे रहें, विनम्र और अच्छे व्यवहार वाले हों, अच्छी तरह से तैयार हों और तर्कसंगत बात रखने में संकोच न करें।
इंटरव्यू राउंड के में हैं डॉस का उल्लंघन नहीं करें, साथ ही बोर्ड के साथ तर्क-वितर्क में शामिल न हों और सामाजिक मुद्दों पर तर्कसंगतता के बिना अत्यधिक राय न दें।
यदि आवश्यक हो तो कुछ प्रश्नों को छोड़ने में कोई परेशानी नहीं है और तनाव आपके चेहरे पर नहीं दिखना चाहिए। किसी निश्चित माध्यम में उपस्थित हो रहे हों तो द्विभाषी न बनें।
याद रखें एक आत्मविश्वासी, सच्चा और भावुक उम्मीदवार हमेशा एक तनावग्रस्त, कम आत्मविश्वास वाले और भ्रमित असंवेदनशील उम्मीदवार से बेहतर होता है।