Citizenship Amendment Act (CCA) दिसंबर 2019 में संसद द्वारा पारित किया गया था। भारत के तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने इस अधिनियम को मंजूरी देकर इसे कानून में बदल दिया।
अब CAA देश भर में लागू हो गया है। लोकसभा चुनाव से पहले मोदी सरकार ने citizenship amendment act 2019 के सबंध में नोटिफिकेशन जारी कर दिया है।
इस कानून से पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से धार्मिक उत्पीड़न के कारण भाग रहे छह अल्पसंख्यकों (हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई) को भारत की नागरिकता प्रदान की जायेगी।
सीएए के माध्यम से 31 दिसंबर 2014 को या उससे पहले इन देशों से भारत में प्रवेश करने वालों को नागरिकता प्रदान की जाएगी। सीएए 1955 के नागरिकता अधिनियम में एक संशोधन है।
सीएए के अनुसार प्रवासियों को 6 वर्षों में फास्ट ट्रैक भारतीय नागरिकता प्रदान की जाएगी।संशोधन ने इन प्रवासियों के नेचुरलाइजेशन के लिए निवास की आवश्यकता को 11से घटाकर 5 वर्ष कर दिया।
मुसलमानों को सीएए में शामिल नहीं किया गया है क्योंकि वे निर्दिष्ट देशों में अल्पसंख्यक नहीं हैं।
CAA से भारत के नागरिकों पर कोई असर नहीं पड़ेगा। इसे केवल पड़ोसी देशों पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश के छह अल्पसंख्यकों को लाभ पहुंचाने के लिए पेश किया गया था।
CAA के तहत नागरिकता के लिए आवेदकों को पोर्टल से ऑनलाइन आवेदन करना होगा। वह वर्ष बताना होगा जब उन्होंने यात्रा दस्तावेजों के बिना भारत में प्रवेश किया। डॉक्यूमेंट नहीं मांगा जाएगा।
सीएए तीन पड़ोसी देशों में धार्मिक उत्पीड़न से संबंधित है जहां संविधान एक विशिष्ट राज्य धर्म का प्रावधान करता है। इन तीन देशों में अन्य धर्मों के अनुयायियों पर अत्याचार किया गया है।