यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा भारत की सबसे प्रतिष्ठित और चुनौतीपूर्ण परीक्षा मानी जाती है। इसे पास करने में कई वर्षों की मेहनत, धैर्य और समर्पण की जरूरत होती है।
2022-23 की वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार, अपने पहले प्रयास में केवल 8% उम्मीदवार ही सफलता प्राप्त कर पाते हैं और भारतीय प्रशासनिक सेवाओं के लिए चयनित होते हैं।
रिपोर्ट से पता चलता है कि तीसरे प्रयास में सफलता की संभावना सबसे अधिक होती है। 2022-23 में तीसरे प्रयास में 22.5% उम्मीदवार सफल हुए, जिनमें 20.3% पुरुष और 28.4% महिलाएं शामिल थीं।
तीसरे प्रयास के बाद UPSC उम्मीदवारों की संख्या तेजी से घटती है। उनका धैर्य टूटने लगता है। छठे प्रयास तक केवल 11% ही इस परीक्षा में बने रहते हैं।
जनरल कैटेगरी के उम्मीदवारों को कुल 6 प्रयास मिलते हैं, जबकि PwD (पर्सन विद डिसैबिलिटी) श्रेणी के उम्मीदवारों को 9 प्रयास मिलते हैं।
सिविल सेवा परीक्षा में सबसे अधिक सफल उम्मीदवारों की आयु 24 से 26 वर्ष होती है। इस आयु वर्ग के पुरुषों की सफलता दर 29.4% और महिलाओं की सफलता दर 33.3% है।
30 वर्ष से अधिक आयु वर्ग में पुरुषों की सफलता दर 14.6% और महिलाओं की सफलता दर 12.5% है, जो कि युवाओं की तुलना में कम है।
सिविल सेवा परीक्षा का सपना पूरा करने के लिए केवल मेहनत और जुनून ही नहीं, बल्कि धैर्य भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। तीसरे प्रयास के बाद अधिकतर उम्मीदवार हार मान लेते हैं।