किसान आनंदोलन में शामिल प्रदर्शनकारी किसानों और हरियाणा पुलिस के बीच हुई हिंसक झड़प के बीच 21 वर्षीय किसान शुभकरण सिंह की सिर में चोट लगने से मौत हो गई।
यह तब हुआ जब बुधवार, 22 फरवरी को किसान हरियाणा और पंजाब की शंभू और खनौरी सीमाओं पर अपने ``दिल्ली चलो'' मार्च को आगे बढ़ाने की कोशिश कर रहे थे।
दिल्ली चलो मार्च में शामिल होने के लिए बलोह गांव से कुल 15 किसान आए थे, शुभकरण सिंह उनमें से एक थे। 13 फरवरी को शुभकरण सिंह खनौरी पहुंचे।
युवा किसान शुभकरण सिंह मूल रूप से बठिंडा के बलोह गांव का रहने वाला था, जो रामपुरा फूल शहर से लगभग 15 किलोमीटर दूर है।
वह अपने चाचा चरणजीत सिंह के साथ काम करते थे। दोनों 20 एकड़ जमीन पर ठेके पर काम कर रहे थे। खेती में अपने परिवार की मदद करने के लिए शुभकरण ने बहुत कम उम्र में स्कूल छोड़ दिया था।
शुभकरण और उसका परिवार पशुधन के बिजनेस में भी लगा हुआ था जिसकी देखभाल शुभकरण करता था।
शुभकरण और उनकी दो बहनों का बचपन बहुत कठिन रहा था। जब वह काफी छोटे थे तभी उनके माता-पिता का तलाक हो गया था। वह और उसकी बहनें अपने दादा के साथ बड़े हुए।
शुभकरण सिंह के पिता इस समय मानसिक बीमारी से जूझ रहे हैं। शुभकरण परिवार में एकमात्र कमाने वाला सदस्य था। बड़ी बहन की शादी हो चुकी है जबकि छोटी बहन की शादी करने की तैयारी में था।
शुभकरण सिंह भारतीय किसान यूनियन सिधूपुर से जुड़े एक कार्यकर्ता थे और उन्होंने संघ की कई पहलों में भाग लिया था।
शुभकरण सिंह ने 2021 में किसानों के आंदोलन में हिस्सा लिया था। 2020-2021 भारतीय किसानों का विरोध तीन कृषि अधिनियमों का विरोध था जो सितंबर 2020 में संसद द्वारा पारित किए गए थे।