राज किरण 80 के दशक में बॉलीवुड के सबसे सफल एक्टर्स में शामिल थे और आज की जनरेशन के लोग उनका नाम तक नहीं जानते हैं।
बताया जाता है कि राज किरण का जन्म 1949 में हुआ था और 1975 में बीआर इशारा की फिल्म 'कागज़ की नाव' से उनका फिल्मों में डेब्यू हुआ था। इस फिल्म में उनकी हीरोइन सारिका थीं।
राज किरण का करियर 80 के दशक में तब बुलंदियों पर था, जब उनकी 8 फ़िल्में बैक टू बैक हिट साबित हुईं। इनमें 'कर्ज' और 'बसेरा' जैसी फ़िल्में शामिल हैं।
राज किरण को फिल्म 'कर्ज' के लिए आज भी जाना जाता है। उन्होंने इस फिल्म में रवि वर्मा का रोल निभाया था, जिसका क़त्ल उसकी बीवी ही करवा देती है और फिर उसका पुनर्जन्म होता है।
90 के दशक में जब बॉलीवुड में नए रोमांटिक हीरो आए तो राज किरण का जैसे बुरा दौर शुरू हो गया। फ़िल्में मिलनी बंद हुईं तो उन्होंने टीवी की ओर रुख किया।
राज किरण ने शेखर सुमन के शो 'रिपोर्टर' से टीवी डेब्यू किया। फिर वे कुछ सीरियल्स और दो लो बजट हॉरर फिल्मों में दिखाई दिए। लेकिन 90 के दशक के अंत में उनका करियर लगभग ख़त्म हो गया।
राज किरण का करियर ख़त्म हुआ तो वे डिप्रेशन में चले गए। 2000 के दशक में वे मुंबई के बायकुला मेंटल असायलम में भर्ती रहे और फिर गायब हो गए।
सालों बाद राज की दोस्त दीप्ति नवल ने दावा किया कि उन्होंने सुना है कि वे न्यूयॉर्क में कैब चलाते हैं। 2011 में ऋषि कपूर ने उनके एटलांटा के मेंटल असायलम में भर्ती होने का दावा किया।
दीप्ति नवल और ऋषि कपूर के दावे का खंडन राज किरण की बेटी ने किया था। उन्होंने कहा था कि परिवार अब भी उनकी तलाश में हैं। राज किरण अब कहां हैं, कोई भी नहीं जानता।