डायरेक्टर महेश भट्ट ने एक बातचीत के दौरान गजल सम्राट जगजीत सिंह को लेकर चौंकाने वाला खुलासा किया है। उनकी मानें तो जगजीत सिंह को उनकी फिल्म 'सारांश' का असली महत्व समझ आया था।
महेश भट्ट ने बताया, "जब जगजीत सिंह के बेटे दर्दनाक हादसे में जान गई तो उन्होंने मुझे बताया था कि उन्हें उसकी डेड बॉडी लेने के लिए जूनियर ऑफिसर्स को रिश्वत देनी पड़ी थी।"
महेश भट्ट ने आगे कहा, "आम आदमी को अपनों की डेड बॉडी के लिए ऐसा ही संघर्ष करना पड़ता है। ये फिल्म (सारांश) के लिए जीवंत रिफ्रेंस पॉइंट हैं।"
महेश भट्ट'सारांश' के 40 साल होने पर बोल रहे थे। यह फिल्म 25 मई 1984 को रिलीज हुई थी, जिसमें अनुपम खेर, रोहिणी हटंगणी, सोनी राजदान, मदन जैन और आलोकनाथ अहम् भूमिका थी।
1990 में जगजीत और चित्रा सिंह के बेटे विवेक की विदेश में सड़क हादसे में मौत हो गई थी। इसके बाद चित्रा कभी गाने नहीं गा सकीं। 2009 चित्रा की बेटी (पहली शादी से) मोनिका ने ख़ुदकुशी की।
10 अक्टूबर 2011 को 'चिट्ठी ना कोई संदेश', 'किसी नज़र को तेरा इंतज़ार आज भी है' और 'वो कागज़ की कश्ती वो बारिश का पानी' जैसी कालजयी गजलें गाने वाले जगजीत सिंह दुनिया को अलविदा कह गए।