अयोध्या में भगवान राम के मंदिर के उद्घाटन के बीच रामानंद सागर का सीरियल 'रामायण' भी चर्चा में बना हुआ है, जो 80 के दशक में टेलीकास्ट हुआ था।
रामानंद सागर के बेटे प्रेम सागर ने लहरें रेट्रो से बातचीत में दावा किया है कि उनके पिता ने इस शो को बनाने में अपनी जिंदगी के अनुभव शामिल किए थे।
प्रेम सागर कहते हैं, "उन्होंने (रामानंद सागर) काफी परेशानियां झेलीं। रामायण के सभी किरदार फिर चाहे मंथरा हो या कैकेयी सब उनकी पर्सनल लाइफ से निकले थे।"
बकौल प्रेम, "उनकी सौतेली मां उन्हें पीटती थी। उनकी मां 26 की उम्र में ड्रग एडिक्शन के चलते चल बसी थी। तब वे महज 5 साल के थे।"
प्रेम सागर बताते हैं, "उन्होंने जूते बेचे, ट्रक साफ़ किए, चपरासी बने, क्लर्क बने। उन्होंने अपनी जिंदगी में हर तरह के लोग देखे। क्योंकि उन्हें उनको पर्दे पर उतारना था।"
बकौल प्रेम सागर, "उन्होंने संघर्ष किया और हर तरह का काम किया, ताकि वे किरदार गढ़ सकें। फिर वे एक पत्रकार थे। उन्होंने 16 की उम्र में पहली कहानी लिखी थी।"
प्रेम सागर कहते हैं, "उनका सपना था कि 50 साल तक कोई भी इस शो की जगह नहीं ले पाएगा। कोरोना में भी जब इसने रिकॉर्ड बनाया तो मुझे पिता की याद आ गई। क्या दूरदर्शिता थी उनकी।"
रामायण में अरुण गोविल ने राम, दीपिका चिखलिया ने सीता, सुनील लहरी ने लक्ष्मण, दारा सिंह ने हनुमान, पद्मा खन्ना ने कैकेयी, ललिता पवार ने मंथरा और अरविंद त्रिवेदी ने रावण का रोल किया।