रामानंद सागर के राम यानि अरुण गोविल के बाद दूसरे सबसे पसंदीदा पात्र हनुमान यानि दारा सिंह थे।
19 नवंबर 1928 को पंजाब के धरमूचक गांव में जन्मे दारा सिंह बेहद बलशाली थे। उनके बचपन का नाम दीदार सिंह रंधावा था ।
दारा सिंह की पूरी लाइफ पहलवानी में गुजरी थी। हैं। 6'2 हाइट और 130 केजी वेट वाले दारा सिंह ने पहलवानी के हर मुकाबले को जीता था।
दारा सिंह को पहलवान हरनाम सिंह की मदद से रेसिलिंग शुरु की थी । उन्होंने वर्ल्ड चैंपियन बिल वरना, रिकीडोजन, स्काई हाई ली, फिरपो, जॉन डिसिल्वा जैसी चैंपियनशिप अपने नाम की थी।
किंग कॉंग से लडने के पहले दारा सिंह साल 1955 में 500 पहलवानों के साथ दो-दो हाथ करके उन्हें पटकनी दे चुके थे।
किंग कॉंग से लड़ते समय दारा सिंह का वज़न 127 किलो था। वहीं विदेशी पहलवान 200 किलो वजनी थी ।
दारा सिंह की हारने पर शर्त लग चुकी थी । लेकिन आखिरकार 127 किलो वजनी दारा सिंह ने 200 किलो के किंग कॉंग को उठाकर रिंग से बाहर फेंक दिया था।
किंग कांग को हराने के बाद दारा सिंह को रुस्तम-ए-हिंद का सम्मान दिया गया था। ये उनकी लाइफ की सबसे बड़ी अचीवमेंट थी ।
दारा सिंह ने 29 मई 1968 में लाऊ थेज को पछाड़कर वर्ल्ड खिताब अपने नाम किया था । इससे पहले अमेरिका का पहलवान लाऊ थेज 3 बार के हैवीवेट चैम्पियनशिप जीत चुका था।
लाऊ थेज ने दारा सिंह से पराजित होने के बाद कहा था कि वे इतने शानदार हैं कि उनसे हारने में मुझे कोई शिकायत नहीं है।