बांग्लादेश में रहने वाले मंडी जनजाति में लड़कियों को अपने पिता से शादी करनी पड़ती है।
इस जनजाति में जब एक मर्द किसी विधवा से शादी करता है। अगर उसकी बेटी होती है तो उसके बड़े होने पर सौतेला पिता उससे विवाह रचाता है।
बचपन में जिसे वो अपना पिता मानती हैं। बड़े होने पर उसी पिता के साथ विवाह करने पड़ते हैं। उसके साथ शारीरिक संबंध बनाने पड़ते हैं।
मंडी जनजाति में यह कुप्रथा सदियों से चल रही है। हालांकि सगा पिता बेटी के साथ विवाह नहीं करता। पिता का सौतेला होना जरूरी है।
इस जनजाति में जब कोई महिला कम उम्र में विधवा हो जाती है और उसकी बेटी होती है तो दूसरी शादी कराई जाती है।
विधवा की शादी के साथ ही यह तय हो जाता है कि उसका पति ही उसकी बेटी का पति बनेगा। यानी मां बेटी बाद में एक दूसरे की सौतन हो जाएंगी।
इस जनजाति का मानना है कि इसे बेटी और मां दोनों को सुरक्षा मिलती है। लेकिन इस परंपरा की वजह से कई लड़कियों की जिंदगी नर्क जैसे हो गई है।